मुद्रास्फीतिजनित मंदी से आप क्या समझते हैं?

मुद्रास्फीतिजनित मंदी से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रास्फीतिजनित मंदी उस दुविधा का नाम है जो तब रहती है जब केंद्रीय बैंक या तो मुद्रास्फीति या स्थिरता को ठीक कर पाने में स्वयं को शक्तिहीन घोषित कर देता है। राजकोषीय नीति के लिए समस्या अब तक कम स्पष्ट है।

वर्तमान में मुद्रास्फीति की दर कितनी है?

इसे सुनेंरोकेंइन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ, सीपीआई मुद्रास्फीति 2021-22 के दौरान 5.1 प्रतिशत: पहली तिमाही में 5.2 प्रतिशत; दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत; तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत; और चौथी तिमाही:2021-22 में 5.3 प्रतिशत अनुमानित है (चार्ट 1)।

स्टैगफ्लेशन को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबेरोजगारी बढ़ने के साथ महंगाई बढ़ने की स्थिति को मुद्रास्फीतिजनित मंदी या स्टैगफ्लेशन (Stagflation) कहते हैं। यह शब्द 1970-80 के दौरान अमेरिका में ऐसी ही स्थिति के दौरान अर्थशास्त्र का नोबेल जीतने वाले पहले अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल सैम्युुुएलसन ने ईजाद किया था।

स्थिर स्फीति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा स्फीति की परिभाषा(Definition of Inflation): मुद्रा स्फीति का मतलब बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से होता हैं. मुद्रा स्फीति की स्थिति में मुद्रा की कीमत कम हो जाती है क्योंकि उपभोक्ताओं को बाजार में वस्तुएं खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है.

भारत में मुद्रास्फीति कितनी है?

इसे सुनेंरोकेंथोक मूल्य मुद्रास्फीति यह लगातार दूसरे माह बढ़कर 4.17 प्रतिशत पर पहुँच गई है। यह नवंबर 2018 के बाद से ही अपने उच्चतम स्तर पर है, जब थोक मुद्रास्फीति 4.47 प्रतिशत पर थी। जनवरी 2021 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति 2.03 प्रतिशत और फरवरी 2020 में 2.26 प्रतिशत पर थी।

वर्ष 2020 के लिए विश्व मुद्रास्फीति दर क्या थी?

जुलाई, 2020 में भारत का थोक मूल्य सूचकांक

डब्ल्यूपीआई आधारित सूचकांक और मुद्रास्फीति की वार्षिक दर (%)*
सभी जिंस/प्रमुख समूह भारांक (%) जून-20 (अनंतिम)
I. प्राथमिक वस्‍तुएं 22.6 139.3
II.ईंधन और बिजली 13.2 88.3
III. विनिर्मित उत्‍पाद 64.2 118.6

मुद्रास्फीति क्या है Drishti IAS?

इसे सुनेंरोकेंभारत में मुद्रास्फीति को मुख्य रूप से दो मुख्य सूचकांकों- थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) द्वारा मापा जाता है, जो क्रमशः थोक एवं खुदरा स्तर पर मूल्य में परिवर्तन को मापते हैं। भारत द्वारा 4 (+/- 2) प्रतिशत को लक्षित करते हुए एक लचीली मुद्रास्फीति नीति को अपनाया गया है।