गोमुखी क्या होता है?

गोमुखी क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंगोमुखी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] ऊन आदि की बनी हुई एक प्रकार की थैली जिसमें हाथ रखकर जप करते समय माल फेरते हैं । इसका आकार गाय के मुँह का सा होता है । इसे जपमाली या जलगुथली भी कहते हैं । विशेष—जप करते समय माला को सबकी दृष्टि की ओट में रखने का विधान है; इसी लिये गोमुखी का व्यवहार होता है ।

कुआं बंद करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंब्रह्म स्थान पर अत्यधिक ऊंचाई होना अथवा कुआं व बोर खोदा जाना हानि कराता है. यह हानि किसी भी प्रकार की हो सकती है. इस स्थान पर ऐसा करने से हर हाल बचना चाहिए. वायव्य कोण अर्थात् उत्तर-पश्चिम कोने में बोर व कुआं के होने से व्यक्ति को दैहिक-दैविक-भौतिक कष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है.

भूमि कब सोती है?

घर का निर्माण शुरू करने के लिए 2022 में शुभ दिन

तारीख सौर माह भूमि पूजन की दिशा
14 जनवरी माघ नॉर्थ-ईस्ट
14 फरवरी फाल्गुन नॉर्थ-वेस्ट
14 मार्च चैत्र नॉर्थ वेस्ट
14 अप्रैल बैसाख नॉर्थ वेस्ट

गोमुखी प्लाट कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंगोमुखी या गाय जैसे चेहरे वाले प्लॉट्स गोमुखी प्लॉट्स आगे से छोटे होते हैं और पीछे से विशाल. लेकिन खरीदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बड़ा हिस्सा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए जबकि रोड दक्षिणी या फिर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. पूर्व में एक संकीर्ण भाग और सामने की सड़क के साथ गोमुखी प्लॉट को अशुभ माना जाता है.

गोमुखी घर कैसे होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंगौमुख यानी गाय के समान आकृति वाला। इस तरह के मकान गाय की तरह मुख से गले तक तो पतले होते हैं लेकिन पीछे से चौड़ाई लिए हुए होते हैं। गौमुख मकान में मुख्यद्वार थोड़ा संकरा होता है लेकिन पीछे की ओर से घर चौड़ा होता है। द्वार की ओर से संकरा होने के कारण ऐसा स्थान संरक्षित भवन की श्रेणी में आता है।

गोमुखी मकान कैसे होते हैं?

शेर मुखी घर कैसे होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसिंह मुखी प्लाट या भवन वह होता है जिसका फ्रंट (आगे का हिस्सा) दोनों ओर से समान रूप से सूप (छाज) के आकार में हो जबकि गऊ मुखी भवन या प्लाट वह होता है जिसकी दोनों ओर की भुजाएं समान रूप से कम होती जाती हैं। सिंह मुखी भवन का प्रयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए बहुत शुभ होता है।

वास्तु दोष कैसे खत्म होता है?

इसे सुनेंरोकेंयदि घर में वास्‍तु दोष है तो सभी कमरों के कोने में कपूर की टिकिया रख दें. जब वह टिकियां गलकर खत्म हो जाए तो उसी स्थान पर दूसरी टि‍किया रख दें. इससे घर में रहने वाले लोगों पर वास्तु दोष का प्रभाव नहीं पड़ेगा. घर में रोज सुबह-शाम कपूर को देशी घी में डुबोकर जलाएं और चारों तरफ घुमाएं.