हाथ में लोहे का छल्ला पहनने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंशनि की ढैय्या, साढ़े साती, दशा, महादशा या अन्तर्दशा में तमाम तरह की परेशानियों से बचने के लिए लोहे का छल्ला पहना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए किया जाता है।
घोड़े की नाल की अंगूठी कौन सी उंगली में पहनते हैं?
इसे सुनेंरोकेंघोड़े की नाल के छल्ले का उपयोग हर क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि के दुष्प्रभावो और बुरी आत्माओ से बचने के लिए किया जाता है इसलिए इसे शनि का छल्ला कहा गया है । इसे दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली में धारण किया जाता है क्योंकि इसी उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है।
लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंक्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है.
काले घोड़े की नाल का छल्ला कैसे पहने?
इसे सुनेंरोकेंघोड़े की नाल का छल्ला दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि माध्यम अंगुली के नीचे शनि का क्षेत्र होता है. जो इंसान इसे धारण करता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है.
घोड़े की नाल की अंगूठी कैसे धारण करें?
इसे सुनेंरोकेंजीवन में बनी रहती है सुख-समृद्धि यही कारण है कि इसे शनि का छल्ला भी कहा जाता है. घोड़े की नाल का छल्ला दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि माध्यम अंगुली के नीचे शनि का क्षेत्र होता है. जो इंसान इसे धारण करता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है.
नाव की कील का बना छल्ला कैसे पहने?
इसे सुनेंरोकेंइसके लिए आप नाव में लगी लोहे की कील की अंगूठी बनवा लें। अब इसे शनिवार को अनामिका अंगुली में पहनें। इससे शनि का प्रकोप कम हो जाएगा।
तांबे की अंगूठी कौन से हाथ में पहनना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंतांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए.