अति मुद्रा स्फीति क्या है?

अति मुद्रा स्फीति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजब मुद्रास्फीति की दर 20 % से अधिक हो जाती है तो इसे अति मुद्रास्फीति की स्थिति कहा जाता है। इस स्थिति में मुद्रास्फीति नियंत्रण के बाहर हो जाती है क्योंकि यह बहुत कम समय में अत्यंत तेजी से बढ़ती है।

विश्व आर्थिक मंदी से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइतिहास में महामंदी या भीषण मन्दी (द ग्रेट डिप्रेशन) (1929-1939) के नाम से जानी जाने वाली यह घटना एक विश्वव्यापी आर्थिक मंदी थी। यह सन 1929 के लगभग शुरू हुई और 1939-40 तक जारी रही। विश्व के आधुनिक इतिहास में यह सबसे बड़ी और सर्वाधिक महत्व की मंदी थी।

विश्व आर्थिक मंदी का भारत पर क्या प्रभाव?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी का प्रभाव पड़ा तो है, लेकिन अन्य देशों की तुलना में यह कम है। जहाँ इस वर्ष भारत की जीडीपी दर 1 से 2 प्रतिशत तक कम रहने की संभावना है, वहीं अन्य देशों की जीडीपी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

मुद्रा संकुचन क्या है मुद्रा संकुचन के कारण एवं प्रभावों की व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा संकुचन या मुद्रा अपस्फीति (Deflation) जब अर्थव्यवस्था में मुद्रा की मात्रा में कमी एवं वस्तु और सेवा की मात्रा में बढ़ोतरी होती है तो इस स्थिति को मुद्रा अपस्फीति कहा जाता है। मुद्रा की मात्रा कम होने से मांग में कमी आती है, परन्तु वस्तु और सेवाओं की मात्रा अधिक होने के कारण उनकी कीमतें गिर जाती हैं।

मुद्रा स्फीति क्या है समाज के विभिन्न वर्गों पर इसके प्रभावों को समझाइये?

इसे सुनेंरोकें(i) समाज के विभिन्न वर्गों पर प्रभाव: सामान्यतः मुद्रा प्रसार स्थिर आय प्राप्त करने वाले वर्ग को सर्वाधिक प्रभावित करता है । कीमतें बढने पर उनकी जीवन-निर्वाह लागतें उच्च हो जाती है । कम विकसित देशों में कृषि क्षेत्र के सापेक्ष शहरी क्षेत्र में मुद्रा प्रसार के अधिक घातक प्रभाव पडते है ।

मुद्रा स्फीति के प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रास्फीति के समय वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यों में वृद्धि होती है। इसके कारण हमारे निर्यात महँगे हो जाएंगे तथा आयात सस्ते हो जाएंगे। नियार्त में कमी होगी तथा आयत में वृद्धि होगी जिसके कारण भुगतान संतुलन प्रतिकूल हो जाएगा। मुद्रास्फीति के कारण सरकार के सार्वजनिक व्यय में बहुत अधिक वृद्धि होती है।

जी डी पी अपस्फीति से आपका क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंसूत्र का तात्पर्य है कि जीडीपी डिफ्लेटर द्वारा नॉमिनल जीडीपी को विभाजित करने और इसे 100 से गुणा करने पर वास्तविक जीडीपी प्राप्त होगी , इसलिए नॉमिनल जीडीपी को वास्तविक माप में “अपस्फीति” करना। जीडीपी की कुछ उपश्रेणियों जैसे कंप्यूटर हार्डवेयर के लिए निहित मूल्य अपस्फीतिकों पर विचार करना अक्सर उपयोगी होता है।