बादल फटना क्या है और क्यों होता है?

बादल फटना क्या है और क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकेंबादल फटने की घटना तब होती है जब भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक जगह इक्कठा हो जाते हैं. ऐसा होने से वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में एक साथ मिल जाती हैं. बूंदों का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि बादल की डेंसिटी बढ़ जाती है. डेंसिटी बढ़ने से अचानक तेज बारिश शुरू हो जाती है.

बादल क्यों पड़ते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमौसम विज्ञान के अनुसार, जब बादल बड़ी मात्रा में पानी के साथ आसमान में चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है, तब वे अचानक फट पड़ते हैं। पानी इतनी तेज रफ्तार से गिरता है कि एक सीमित जगह पर कई लाख लीटर पानी एक साथ जमीन पर गिर पड़ता है, जिसके कारण उस क्षेत्र में तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है।

बादल फटना का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबादल फटना बारिश का एक चरम रूप है। इस घटना में बारिश के साथ कभी कभी गरज के साथ ओले भी पड़ते हैं। सामान्यत: बादल फटने के कारण सिर्फ कुछ मिनट तक मूसलाधार बारिश होती है लेकिन इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से १५ किलोमीटर की ऊंचाई पर घटती है।

पहाड़ी इलाकों में बादल क्यों फटते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपहाड़ो पर ही क्यों फटते हैं बादल वैज्ञानिकों के अनुसार पानी से भरे बादल पहाड़ी इलाकों में फंस जाते हैं और काफी ऊंचाई होने की वजह से वह आगे नहीं बढ़ पाते जिससे वो अपना वजन नही संभाल पाते और अचानक फट जाते हैं। इस दौरान इतनी जमीन पर इतनी तेजी से पानी गिरता है की एक जगह पर कई लाख लीटर पानी इकठा हो जाता है।

मानसून फटने का क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंकैसे फटते हैं बादल महापात्रा बताते हैं कि जब गर्म मानसूनी हवाएं ठंडी हवाओं से अंतरक्रिया करती हैं तो इससे बहुत बड़े बादल बन जाते हैं. ऐसा भूआकृतियों और पर्वतीय कारकों के कारण भी हो सकता है.

बादल कितने ऊपर होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपानी के छोटे-छोटे प्रदूषणकण हवा के कणों के साथ आसमान में इकट्ठे होकर बादल का रूप ले लेते हैं। ये धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर इकट्ठे होते हैं।

पानी कैसे बरसता है?

इसे सुनेंरोकेंसमुद्र, झील, तालाब और नदियों का पानी सूरज की गर्मी से वाष्प बनकर ऊपर उठता है। इस वाष्प से बादल बनते हैं। ये बादल जब ठंडी हवा से टकराते हैं तो इनमें रहने वाले वाष्प के कण पानी की बूँद बन जाते हैं। ठीक वैसे ही जैसे कमरे की हवा में रहने वाली वाष्प फ्रिज से निकाले गए ठंडे के कैन से टकरा कर पानी की बूँद बन जाती है।