सुनहला रत्न कौन सा होता है?
इसे सुनेंरोकेंसुनहला रत्न, पुखराज स्टोन का उपरत्न है और इस रत्न का स्वामी ग्रह बृहस्पति देव हैं। बृहस्पति देव से संबंधित होने के कारण सुनहला स्टोन को बृहस्पतिवार के दिन ही धारण किया जाता है।
सुनहला रत्न कितने दिन में असर दिखाता है?
इसे सुनेंरोकेंसुनहला रत्न को धारण करने से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इसलिए इस रत्न को गुरुवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सुनहला स्टोन धारण करने से मान-सम्मान और धन-दौलत में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को बेहद ही महत्वपूर्ण बताया गया है।
सुनहला क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंसुनहला क्वार्ट्ज समूह का रत्न है जो पीले-भूरे रंग का होता है। सूरज के उगते समय जैसी रोशनी होती है ये रत्न दिखने में वैसा ही होता है। सुनहला रत्न गुरु का रत्न और पुखराज का उपरत्न है। इसे पहनने से गुरु से संबंधित दोष दूर होते हैं, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
सुनहला कितने रत्ती का पहनना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंमाणिक्य (सूर्य रत्न)- यह जितना बड़ा धारण किया जाए उतना ही उत्तम होता है। 3 रत्ती से कम वजन का माणिक्य धारण करना निष्क्रिय होता है तथा माणिक्य जड़े जाने वाली सोने की अंगूठी का वजन 5 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए।
सुनहला कैसे धारण करें?
इसे सुनेंरोकेंसुनहला को दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सुनहला रत्न धारण से व्यक्ति को करियर और व्यापार में लाभ होता है। ज्योतिष के अनुसार,यह रत्न ज्ञान से संबंधित होता है इसलिए विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने वाले लोगों के लिए भी सुनहरा धारण करना फायदेमंद रहता है।
वकील को कौन सा रत्न पहनना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंवकील, जज, प्रशासनिक क्षेत्र में, प्रशासनिक कार्य वालों के लिए मूंगा रत्न सबसे उत्तम माना जाता है। मूंगा मंगल का रत्न है और इसके मंगल के दिन ही धारण करना चाहिए।
Business में सफलता के लिए कौन सा रत्न धारण करें?
इसे सुनेंरोकेंबिजनेस में सफलता पाने के लिए गारनेट पहनने सुझाव आमतौर पर दिया जाता है। गारनेट एक उपरत्न है जो काला, लाल, हरा, नीला जैसे अनेक रंगों में पाया जाता है लेकिन ज्यादातर लाल गारनेट ही पहना जाता है। इसे रक्तमणि भी कहा जाता है।