मध्य युग में प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक कौन है?

मध्य युग में प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंभास्कराचार्य जी मध्य युग के प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक थे, भास्कराचार्य एक महान भारतीय खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे जिन्होंने गणित की कई शाखाओं जैसे बीजगणित, अंकगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति, ग्रह गणित, सांख्यिकी आदि में योगदान दिया। उनका जन्म 1114 ईस्वी में कर्नाटक के एक छोटे से गाँव में हुआ था।

* विश्व में विज्ञान और तकनीकी रूप से जनशक्ति में भारत का स्थान कौन सा है?* 1⃣ प्रथम 2⃣ दूसरा 3⃣ तीसरा 4⃣ चौथा?

इसे सुनेंरोकेंविश्व की तीसरी सबसे बड़ी वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति भी भारत में ही है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा संचालित शोध प्रयोगशालाओं के ज़रिये नानाविध शोधकार्य किये जाते हैं। भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी देशों में सातवें स्थान पर है।

* भारत के प्रमुख खगोल शास्त्री कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंआर्यभट्ट के अलावा भी भारत में महान खगोलशास्त्री और गणितज्ञ हुए हैं। आर्यभट्ट के अलावा, भास्कराचार्य (जन्म- 1114 ई., मृत्यु- 1179 ई.), बौद्धयन (800 ईसापूर्व), ब्रह्मगुप्त (ईस्वी सन् 598 में जन्म और 668 में मृत्यु) और भास्कराचार्य प्रथम (600–680 ईस्वीं) भी महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे।

प्राचीन भारत के चिकित्सकों को कौन से विज्ञान की जानकारी थी?

इसे सुनेंरोकेंप्राचीन काल में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में चरक और सुश्रुत, खगोल विज्ञान व गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट द्वितीय और रसायन विज्ञान में नागार्जुन की खोजों का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है। इनकी खोजों का प्रयोग आज भी किसी-न-किसी रूप में हो रहा है।

भारत के प्रथम खगोल शास्त्री कौन है?

इसे सुनेंरोकेंआधुनिक भारतीय खगोलविद मनाली कलात वेणु बप्पू को आधुनिक भारतीय खगोल विज्ञान का जनक माना जाता है।

आर्यभट्ट पाटलिपुत्र क्यों गए?

इसे सुनेंरोकेंबचपन से ही थी सीखने की चाह ऐसा माना जाता है कि आर्यभट का जन्म 476 में हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार आर्यभट का जन्म बिहार में पटना में हुआ था, जिसका प्राचीन नाम पाटलीपुत्र था, जिसके पास स्थित कुसुमपुर में उनका जन्म माना जाता हैं। बचपन से ही उनमें नई-नई चीज़ें करने और सीखने की ललक थी।

आर्यभट्ट ने किसकी खोज की थी?

इसे सुनेंरोकेंकिंतु भारतीय गणितज्ञों में प्रथम-स्मरणीय आर्यभट ही हैं, जिन्होंने विश्व में सबसे पहले यह अनुमान लगाया था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। राष्ट्रीय गणित दिवस के परिप्रेक्ष्य में हमारी यह प्रस्तुति भारत के इसी महान गणितज्ञ को समर्पित है।

भारत में प्राचीनतम ऐतिहासिक खगोल विद कौन है?

इसे सुनेंरोकेंआर्यभट्ट : आर्यभट्ट का जन्म ईस्वी सन् 476 में कुसुमपुर (पटना) में हुआ था। यह सम्राट विक्रमादित्य द्वितीय के समय हुआ थे। इनके शिष्य प्रसिद्ध खगोलविद वराह मिहिर थे। आर्यभट्ट ने नालंदा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर मात्र 23 वर्ष की आयु में ‘आर्यभट्टीय’ नामक एक ग्रंथ लिखा था।

खगोल विज्ञान की शुरुआत क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंखगोल भौतिकी का आधुनिक युग जर्मन भौतिकविद् किरचाक से आरंभ हुआ। सूर्य के वातावरण में सोडियम, लौह, मैग्नेशियम, कैल्शियम तथा अनेक अन्य तत्वों का उन्होंने पता लगाया (सन् 1859)। हमारे देश में स्वर्गीय प्रोफेसर मेघनाद साहा ने सूर्य और तारों के भौतिक तत्वों के अध्ययन में महत्वपूर्ण कार्य किया है।

खगोल विज्ञान के जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंखगोल विज्ञानी अथवा खगोल शास्त्री वे वैज्ञानिक अध्ययनकर्ता हैं जी आकाशीय पिण्डों, उनकी गतियों और अंतरिक्ष में मौजूद विविध प्रकार की चीजों की खोज और अध्ययन का कार्य करते हैं। पश्चिमी संस्कृति में गैलीलियो नामक खगोल विज्ञानी को आधुनिक खगोलशास्त्र का पिता माना जाता है।

भारत के प्रमुख खगोल शास्त्री कौन थे?

भारत के प्रमुख खगोलशास्त्री कौन थे?

गुप्त काल का प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कौन था?

इसे सुनेंरोकेंगुप्त काल का प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कौन था? प्राचीन काल के ज्योतिर्विदों में आर्यभट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, आर्यभट द्वितीय, भास्कराचार्य, कमलाकर जैसे प्रसिद्ध विद्वानों का इस क्षेत्र में अमूल्य योगदान है। इन सभी में आर्यभट सर्वाधिक प्रख्यात हैं। वे गुप्त काल के प्रमुख ज्योतिर्विद थे।

भूगोल और खगोल में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंखगोल विज्ञान मे अंतरिक्ष का अध्ययन करता है और भूगोल में पृथ्वी से संबंधित चीजो जैसे मृदा, अपक्षय, अपरदन, पहाड़ों आदि का अध्ययन किया जाता है।

खगोल वैज्ञानिक को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंखगोल विज्ञान MEANING IN ENGLISH – EXACT MATCHES Usage : The science of astronomy is vast.