कंपनी शैली के चित्रकार कौन हैं?

कंपनी शैली के चित्रकार कौन हैं?

इसे सुनेंरोकें(1) -ईश्वरी प्रसाद, लालचंद्, उस्ताद राम प्रसाद इस शैली के कुछ मुख्य चित्रकार थे। (2) -कंपनी शैली में वाट्समैन पेपर पर चित्र बनाये गये। (3) -टेंपरा के स्थान पर विदेशी *जल रंगों* का प्रयोग होने लगा व चित्रों मे *छाया- प्रकाश* दिखाने का प्रयास किया गया। (4) -कंपनी शैली मे *डेढ़ चश्म* चेहरे बनाए गये हैं।

कंपनी शैली का दूसरा नाम क्या था?

इसे सुनेंरोकेंकंपनी शैली को ‘पटना चित्रकला’ भी कहते हैं। यह पुस्तकों को चित्रित करने की शैली है, जो भारत में 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम कर रहे ब्रिटिश लोगों की पसंद के आधार पर विकसित हुई थी।

कंपनी शैली के प्रमुख विषय क्या थे?

इसे सुनेंरोकें* कम्पनी शैली की प्रमुख विशेषताएँ- » मुगल तथा यूरोपियन शैलियों के यथार्थवादी तत्वों का सम्मिश्रण तथा छाया-प्रकाश द्वारा वास्तविकता लाने का प्रयत्न। » चित्र बहुत ही छोटे-छोटे बनाये एवं विदेशी कागज का प्रयोग किया गया जिसमें ‘अबरक़ का पन्ना’, ‘हाथी दाँत’ एवं ‘कागज’ प्रमुख है। >

कंपनी शैली को पटना शैली क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंइसी क्रम में 1760 के लगभग पलायित चित्रकार तत्कालीन राजधानी ‘पाटलिपुत्र वापस आ गये। इन पलायित चित्रकारों ने राजधानी क्षेत्र में तथा उसके आस पास क्षेत्रों में बसकर स्थानीय अभिजात वर्ग के संरक्षण में चित्रकला के क्षेत्रीय रूप को विकसित किया। यह चित्रकला शैली ही ‘पटना कलम’ या ‘पटना शैली’ कही जाती है।

कंपनी शैली का विकास कब हुआ था?

इसे सुनेंरोकें18वीं से 19वीं शताब्‍दी के मध्‍य भारत में एक नई कला शैली का विकास हुआ जिसे प्रमुखतः ब्रिटिशों के लिए भारतीय कलाकारों द्वारा तैयार किया गया। यह कला शैली ‘कंपनी शैली’ (Company Style) के नाम से जानी गयी।

पटना सली का दूसरा नाम कंपनी सली क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंतत्कालीन जनसामान्य के आम पहलुओं के चित्रण के लिए प्रसिद्ध पटना या कम्पनी चित्रकला शैली का विकास मुगल साम्राज्य के पतन के बाद हुआ जब चित्रकारों ने पटना तथा उसके समीपवर्ती क्षेत्रों को अपना विषय बनाया। इन चित्रकारों द्वारा चित्र बनाकर ब्रिटेन भी भेजे गये जो आज भी वहां के संग्रहालयों में विद्यमान हैं।

भारत में कंपनी शैली का प्रमुख केंद्र कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंब्रिटिशों द्वारा इस शैली को काफी सराहा गया। इस दौरान कलकत्ता, मद्रास (चेन्नई), दिल्ली, लखनऊ, पटना, तंजावुर और बैंगलोर ब्रिटिशों के प्रमुख केंद्र थे।

पटना शैली का दूसरा नाम कंपनी शैली क्यों कहा जाता है?