वित्तीय संस्थाओं से आप क्या समझते है?

वित्तीय संस्थाओं से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंवित्त एवं अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, उन संस्थाओं को वित्तीय संस्थाएँ (financial institution) कहते हैं जो अपने ग्राहकों एवं सदस्यों को वित्तीय सेवाएँ (जैसे ग्राहक का धन जमा रखना, ग्राहक को ऋण देना, बैंक ड्राफ्ट देना, निधि अन्तरण आदि) देते हैं।

वित्तीय संस्थानों की क्या आवश्यकता है?

इसे सुनेंरोकें(3) उप – धारा की धारा के तहत किसी भी वित्तीय संस्था (ख) के लिए निर्देश जारी करने में (1), बैंक में जो परिस्थितियों के कारण संबंध है, और करेगा, संस्था की स्थापना की गई वस्तुओं के लिए जो अपने वैधानिक जिम्मेदारियों , यदि कोई हो, और प्रभाव जैसे वित्तीय संस्था का व्यापार पैसा और पूंजी बाजार में प्रवृत्तियों पर है की संभावना …

इसे सुनेंरोकेंवित्तीय संस्थाओं के अंतर्गत बैंक, बीमा कंपनियों, सहकारी समितियों, महाजन, साहूकार आदि देशी बैंकरों को सम्मिलित किया जाता है जो साख अथवा ऋण के लेन-देन का कार्य करते हैं।

वित्तीय संस्थाओं से आप क्या समझते हैं भारतीय वित्तीय प्रणाली में इसके विभिन्न चरणों की व्याख्या करें?

इसे सुनेंरोकेंवित्तीय प्रणाली का निर्माण वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रदान किए गए उत्पादों और सेवाओं से हुआ है जिसमें बैंक, बीमा कंपनियां, पेंशन फंड, संगठित बाजार, और कई अन्य कंपनियां शामिल हैं जो आर्थिक लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं। लगभग सभी आर्थिक लेनदेन एक या एक से अधिक वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रभावित होते हैं।

भारतीय औद्योगिक वित्तीय संस्था कौन कौन सी है?

भारत में प्रमुख वित्तीय संस्थानों की सूची

  • इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया 1921.
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अप्रैल 1, 1935.
  • भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (IFCI) 1948.
  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जुलाई 1, 1955.
  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) 1955.
  • भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
  • निर्यात क्रेडिट गारंटी निगम (ECGC)
  • भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI)

राज्य स्तरीय वित्तीय संस्थाएं क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराज्य के वित्तीय संस्थान को कितने भागों में बाँटा जाता है, संक्षिप्त वर्णन करें। (a) संस्थागत वित्तीय संस्थाएँ तथा (b) गैर-संस्थागत वित्तीय संस्थाएं। संस्थागत वित्तीय संख्याओं के अन्तर्गत सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियाँ, भूमि विकास बैंक व्यावसायिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, नाबार्ड आते हैं।

विद्या संस्थान से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंExpert-verified answer यह वित्तीय संस्थाएं सरकार द्वारा संपोषित होती हैं और देश के केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करती हैं। इन वित्तीय संस्थाओं का कार्य समाज के आर्थिक विकास के लिए आवश्यकता के अनुरूप अल्पकालीन, मध्यकालीन अथवा दीर्घकालीन अथवा उपलब्ध करवाना होता है।

संस्था कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार परिवार, राज्य, विवाह और सरकार सभी संस्थाएं हैं। जब समिति बनाते हैं, तब ये सामान्य कार्य-व्यापार के संचालन तथा सदस्यों के पस्पर नियमन के लिए नियम और कार्यप्रणालियां भी बनाते हैं। ये नियम ही संस्थाएं हैं।

भारतीय वित्तीय प्रणाली से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय वित्तीय प्रणाली हमारे देश के आर्थिक विकास के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। यह प्रणाली देश के लोगों (घरेलू बचत) और उन लोगों के बीच धन के प्रवाह का प्रबंधन करती है जो इसे (निवेशकों / व्यापारियों) दोनों पक्षों की बेहतरी के लिए निवेश कर सकते हैं।

वित्तीय बाजार से आप क्या समझते हैं इसके उद्देश्य की व्याख्या करें?

इसे सुनेंरोकेंवित्तीय बाजार की परिभाषा। यह बचतकर्ताओं और निवेशकों के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है और उनके बीच धन जुटाता है। वित्तीय बाजार मांग और आपूर्ति बलों द्वारा निर्धारित मूल्य पर व्यापारिक संपत्तियों के लिए, खरीदारों और विक्रेताओं को मिलने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

भारत में औद्योगिक वित्त के क्षेत्र में सर्वप्रथम स्थापित संस्था कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंस्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत सरकार ने उद्योग धन्धों को दीर्घकालीन तथा मध्यकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक औद्योगिक वित्त निगम अधिनियम पास किया जिसके अन्तर्गत ‘भारतीय औद्योगिक वित्त निगम’ की स्थापना की गई । इस निगम ने 1 जुलाई, सन् 1948 में कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है ।

अर्ध सरकारी वित्तीय संस्था क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअर्ध सरकारी वित्तीय संस्थाएं किसे कहते हैं? Q4. सूक्ष्म वित्तीय संस्था किसे कहते हैं? Ans :- छोटे पैमानों पर गरीब जरूरतमंद लोगों को स्वयं सेवा संस्था के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण की व्यवस्था कराने वाले संस्था को सूक्ष्म वित्तीय संस्था कहा जाता है।