चमार की क्या औकात है?

चमार की क्या औकात है?

इसे सुनेंरोकेंचमार जाति का मुख्य पेशा चमड़े की जीवन उपयोगी वस्तुएं बनाना था जैसे कि जूते, मशक, नगाड़ा, बेल्ट, बख्तर, लेकिन कुछ चमारों ने कपड़ा बुनने का धंधा भी अपना लिया एवं ख़ुद को जुलाहा चमार बुलाने लगे। चमारों का मानना है कि कपड़ा बुनने का काम चमड़े के काम से काफी उच्च दर्जे का काम है।

चमार को कैसे काबू में रखें?

इसे सुनेंरोकेंवो इतना याद रखे कि शेर पैदा होते हैं, बनाए नहीं जाते..!! ▶सुन पगली तलवारों की धार पर इतिहास हमारा चलता है..! जिस ओर चमार चलता है उस ओर जमाना चलता है..!! ▶बाप के सामने अय्याशी और चमार के सामने बदमाशी भूल कर भी मत करियो..!

चमार को औकात में कैसे लाएं?

इसे सुनेंरोकेंपर मत टकराना कभी चमार की तलवार से..!! ▶उसने कहा मत देख मेरे सपने, मुझे पाने की तेरी औकात नहीं..! मैंने भी हंसकर कह दिया ‘पगली आना है तो आजा मेरे सपनों में… वरना हकीकत में आने की तो तेरी औकात नहीं..!!

जाटव समाज की उत्पत्ति कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकेंचमार जाति की उत्पत्ति के विषय में इतिहासकारों के अलग अलग मत है, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि बीसवीं सदी से पहले चमार चंद्रवंशी राजपूत थे और इन्हें क्षत्रिय समुदाय में गिना जाता था, लेकिन उस समय की आंतरिक लड़कियों के चलते इन्हें क्षत्रिय समुदाय से अलग कर दिया गया और चमार जाति को शुद्र जाति में गिना जाने लगा।

Yadav को कैसे मारे?

इसे सुनेंरोकेंअपनी औकात में रहकर सर्च करें | Yadav ko kaise kabu kare अगर तेरे दिल में यादव को काबू के करने” का ख्याल है, तो इस ख्याल को तू दिल से निकाल दे क्योंकि इस जन्म में तो तुझसे ये ना हो पाएगा। अगर फिर भी कुछ Yadav अहीर को काबू करने के सपने देख रहे हैं तो यह सिर्फ सपने ही रहेंगे क्योंकि हकीकत में ये हो नहीं पाएगा।

जाट को कैसे काबू किया जाए?

इसे सुनेंरोकेंजाट को काबू कैसे करें (Jaat Ko Control or Kabu Kaise Kare) ओह बालक !! अगर तेरे दिल में जाट को काबू के करने” का ख्याल है, तो इस ख्याल को तू दिल से निकाल दे क्योंकि इस जन्म में तो तुझसे ये ना हो पाएगा। अगर फिर भी कुछ Jaat को काबू करने के सपने देख रहे हैं तो यह सिर्फ सपने ही रहेंगे क्योंकि हकीकत में ये हो नहीं पाएगा।

जाटव कौन से वंश के हैं?

इसे सुनेंरोकेंजाटव भारत का एक सामाजिक समूह है जिसे चमार जाति का एक भाग भी माना जाता है। यह आधुनिक भारत के सकारात्मक भेदभाव प्रणाली में अनुसूचित जाति के रूप में वर्गीकृत की जाती है जो समुदायों (दलित) में से एक मानी जाती है।