निराला की प्रथम कविता कौन सी है?

निराला की प्रथम कविता कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंउनकी पहली कविता ‘जूही की कली’ (1916) तत्कालीन प्रमुख साहित्यिक पत्रिका ‘सरस्वती’ में प्रकाशन योग्य न मानकर संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी ने लौटा दी थी। आज उसकी गिनती छायावाद की श्रेष्ठतम कविताओं में होती है। 1923 में निराला ने ‘मतवाला’ नामक पत्रिका का संपादन आरंभ किया, जो हिंदी का पहला व्यंग्यात्मक पत्र था।

वह तोड़ती पत्थर कविता में कोई न छायादार पेड़ से कवि का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : वह तोड़ती पत्थर ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ द्वारा रचित एक मर्मस्पर्शी कविता है। इस कविता में कवि ‘निराला’ जी ने एक पत्थर तोड़ने वाली मजदूरी के माध्यम से शोषित समाज के जीवन की विषमता का वर्णन किया है। (ii) ‘कोई न छायादार पेड़ से कवि का क्या मतलब है?

निराला जी की भाषा कौन सी है?

हिन्दीसूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ / भाषाएंहिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिंदी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। विकिपीडिया

निराला की कविता कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंराम की शक्ति पूजा : बांग्ला के कृतिवास रामायण से प्रभावित यह कृति निराला के आत्मसाक्षात्कार की कविता है। इस कविता में राष्ट्रीय चेतना की प्रखर अभिव्यक्ति मिलती है। यह महान बिम्ब विधानो की कविता है तथा ये भाव गाम्भीर्य की कविता भी है। सरोज स्मृति और तुलसीदास मिलकर राम की शक्ति पूजा का निर्माण करती है।

पत्थर तोड़ती हुई महिला को कवि निराला ने कहाँ और किस समय देखा?

इसे सुनेंरोकेंनिराला जी अपनी रचनाओं में जीवन के मार्मिक दृश्य को उजागर करते है। कवि कहते है, मैने एक महिला को पत्थर तोड़ते हुए देखा। कवि इलाहाबाद के किसी रास्ते पर उस महिला को पत्थर तोड़ते हुए देखते है। वह एक ऐसे पेड़ के नीचे बैठी है, जहा छाया नहीं मिल रही आस पास भी कोई छायादार जगह नहीं हैं।

समूचे शरीर को झुलसा देने वाली क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंसमूचे शरीर को झुलसा देने वाली लू चल रही थी। ऐसे में जब उसने मुझे उसकी ओर देखते हुए देखा तो एक बार तो उस बनते हुए भवन को उसने देखा फिर यह लक्षित करके कि मैं अकेला ही था. उसने अपने तार-तार होकर फटे कपड़ों की ओर देखा।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी है?

प्रकाशित कृतियाँ

  • अनामिका (१९२३)
  • परिमल (१९३०)
  • गीतिका (१९३६)
  • अनामिका (द्वितीय) (१९३९) (इसी संग्रह में सरोज स्मृति और राम की शक्तिपूजा जैसी प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है।
  • तुलसीदास (१९३९)
  • कुकुरमुत्ता (१९४२)
  • अणिमा (१९४३)
  • बेला (१९४६)

निराला की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी हैं?

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाएँ

  • अनामिका (1922 ई.)
  • परिमल (1930 ई.)
  • गीतिका (1936 ई.)
  • तुलसीदास (1938 ई.)
  • ‘कुकुरमुत्ता (1942 ई.)
  • अणिमा (1943 ई.)
  • बेला (1946 ई.)
  • नये पत्ते (1946 ई.)