कालिया के कितने सिर थे?
इसे सुनेंरोकेंपुराणों अनुसार कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू से उन्हें कई नागों की उत्पत्ति हुई है। जैसे अनंत, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पिंगला, पद्म, महापद्म, शंख, कुलिक, चूड़, धनंजय आदि। अग्निपुराण में 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन है। कहते हैं कि कालिया नाग भी कद्रू का पुत्र और वह पन्नग जाति का नागराज था।
कालिया नाग कौन है?
इसे सुनेंरोकेंकालिय नाग कद्रू का पुत्र और पन्नग जाति का नागराज था। वह पहले रमण द्वीप में निवास करता था, किंतु पक्षीराज गरुड़ से शत्रुता हो जाने के कारण वह यमुना नदी में कुण्ड में आकर रहने लगा था।
रमण द्वीप कहाँ है?
इसे सुनेंरोकेंआज का ‘सुनरख’ दीप कभी रमणक द्वीप कहलाता था। यह वृंदावन के निकट कालिंदी के तट पर स्थित है।
कालिया किसकी पुत्री थी?
इसे सुनेंरोकेंकद्रू ने महर्षि से 1000 पराक्रमी पुत्रों की मां बनने का वर मांगा तो विनता ने उससे विपरीत जाकर महर्षि से एक ऐसे पुत्र की कामना कि जो कद्रू के सभी पुत्रों का नाश कर सके. महर्षि के वरदान के बाद कद्रू ने 1000 अंडे दिए और कद्रू सभी सापों की माता बनी वहीं विनता ने गरूड़ को जन्म देकर उसकी मां बनी.
शेषनाग जी कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंशेषनाग या अदिशेष ऋषि कश्यप और कद्रू के सबसे बड़े पुत्र हैं। वह नागराज भी थे। परंतु ये राजपाट छोड़कर विष्णु की सेवा में लग गए क्योंकि उनकी माता कद्रू ने अरुण और गरुड़ की माता तथा अपनी बहिन और उनकी विमाता विनता के साथ छल किया था। वह विष्णु भगवान के परम भक्त हैं और उनको शैया के रूप में आराम देते हैं।
शेषनाग के कितने सिर थे?
इसे सुनेंरोकेंमान्यता के अनुसार, शेषनाग के हजार सिर हैं हैं, इनका कही अंत नहीं है इसीलिए इन्हें ‘अनंत’ भी कहा गया है। ये कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू के बेटों में सबसे पराक्रमी और विष्णु भक्त हैं।
गरुड से बचने के लिए भगवान श्रीकृष्ण जी ने कालिया नाग के मस्तक पर कौनसे चिन्ह बनाए थे?
इसे सुनेंरोकेंकालिया को भी यमुना छोड़कर समुद्र में जाना पड़ा था. उसके फन पर भगवान के श्रीचरणों का चिन्ह हमेशा के लिए अंकित हो गया था. जिसकी वजह से गरुड़ ने उस पर कभी हमला नहीं किया.
देवसेना की वेदना का क्या कारण था?
इसे सुनेंरोकेंप्रस्तुत पंक्ति में देवसेना की वेदना का परिचय मिलता है। वह स्कंदगुप्त से प्रेम कर बैठती है परन्तु स्कंदगुप्त के हृदय में उसके लिए कोई स्थान नहीं है। जब देवसेना को इस सत्य का पता चलता है, तो उसे बहुत दुख होता है। वह स्कंदगुप्त को छोड़कर चली जाती है।
शेषनाग के पुत्र कौन थे?
शेषनाग | |
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माता-पिता | प्रजापति कश्यप (father) देवी कद्रू (mother) |
भाई-बहन | वासुकी , तक्षक , कालिया , शन्ख , महापद्म , पद्म , कर्कोटक , धनञ्जय आदि नाग |
संतान | सुनयना (जनक की पत्नी) और सुलोचना (इन्द्रजीत की पत्नी) |
त्यौहार | नाग पञ्चमी |