नरक चतुर्दशी का क्या मतलब है?

नरक चतुर्दशी का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंनरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले, रात के वक्त उसी प्रकार दीए की रोशनी से रात के तिमिर को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है जैसे दीपावली की रात को। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं हैं।

नरक चतुर्दशी को किसकी पूजा होती है?

इसे सुनेंरोकेंनरक चतुर्दशी को कई और नामों से भी मनाया जाता है जैसे- नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि। दिवाली से पहले मनाए जाने के कारण इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। उज्जैन. नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2021) पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है।

2022 का नरक निवारण चतुर्दशी कब है?

इसे सुनेंरोकेंइसे नरक मुक्ति का त्यौहार माना जाता हैं. नरक चतुर्दशी सोमवार, 24 अक्टूबर 2022, को मनाया जायेगा.

चौदस का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंमान्यता है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण व्यक्ति को सौंदर्य प्रदान करते हैं। रूप चतुदर्शी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर तिल के तेल की मालिश और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर नहाना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से पापों का नाश होता है और सौंदर्य हासिल होता है।

नरक चतुर्दशी पर क्या उपाय करें?

ये हैं नरक चतुर्दशी के अचूक उपाय

  1. नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन,गुलाब के फूल तथा रोली के पैकेट की पूजा करके, इन्हें एक लाल कपड़ें में बांधकर तिजोरी में रख दें।
  2. नरक चतुर्दशी के दिन स्नान से पहले शरीर पर तिल का तेल जरूर लगाना चाहिए।
  3. तेल लगाने से पहले शरीर पर उबटन भी लगाना चाहिए।

नरक चतुर्दशी को दीपदान कैसे करें?

इसे सुनेंरोकें1. इसी दिन यम की पूजा करने के बाद शाम को दहलीज पर उनके निमित्त दीप जलाएं जाते हैं जिससे अकाल मृत्यु नहीं होती है। 2. इस दिन सूर्यास्त के पश्चात लोग अपने घरों के दरवाजों पर चौदह दीये जलाकर दक्षिण दिशा में उनका मुख करके रखते हैं तथा पूजा-पाठ करते हैं।

छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंकार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर शाम को यमराज की प्रसन्नता के लिए दीपदान किया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध किया था। इस कारण भी इसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2021) कहा जाता है। दीपावली के एक दिन पहले मनाए जाने के कारण इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है।