पैसे की व्यंग्यशक्ति बताने के लिये लेखक ने क्या उदाहरण दिया है?

पैसे की व्यंग्यशक्ति बताने के लिये लेखक ने क्या उदाहरण दिया है?

इसे सुनेंरोकेंपैसे की व्यंग्य-शक्ति को बताने के लिए धूल उड़ाती मोटर का उदाहरण देता है। उसके पास से निकल जाने पर लेखक के कलेजे में व्यंग्य का तीर चुभ गया। 2. लेखक को मोटर के पास से निकल जाने पर यह विडंबना मालूम हुई कि क्या उसके भाग्य में ये गरीब माता-पिता ही रह गए थे जिनके यहाँ उसे जन्म मिला।

कौन सी शक्ति हमें अपनों के प्रति कृतघ्न कर सकती है?

इसे सुनेंरोकें(iv) लेखक के अनुसार पैसे में इतनी शक्ति है, कि वह लोगों को अपनों के प्रति कृतघ्न कर सकती है।

उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है कृतघ्न का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंमैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ। उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि जरा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती?

लेखक के अनुसार वह कौन सी शक्ति है जो अपनों के प्रति कृतघ्न बना देती है *?

इसे सुनेंरोकेंवह मनुष्य को गहराई तक प्रभावित करती है। 2. एक मामूली मोटर लेखक को कृतघ्न बना देती है उसके परिवार के साथ अपनत्व नहीं रह जाता।

पैसे की व्यंग्य शक्ति से लेखक का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंपैसे वाला स्वयं को बड़ा तथा दूसरों से श्रेष्ठ समझता है। पैसे के अभाव में मनुष्य पैसे वालों से ईर्ष्या करता है। वह अपने धनवान सगे-सम्बन्धियों के प्रति भी ईष्र्यालु हो जाता है। पैसे की शक्ति ही उसकी व्यंग्य शक्ति कहलाती है।

पैसे की व्यंग्य शक्ति से क्या उत्पन्न होता है?

कौन सा निमंत्रण ग्राहकों को अधिक लुभाता है?

इसे सुनेंरोकेंबाजा़र का जादू उन लोगों को अधिक लुभाता है जिनके पास धन की अधिकता है, पर उनका मन दिशाहीन होता है। बाजार की लुभावनी चीजें इस प्रकार के व्यक्तियों को जकड़ लेती हैं। 4. बाजा़र के जादू के बंधन से बचने का उपाय यही हो सकता है कि हमें बाजार जाते समय अपनी सही आवश्यकताओं का पता होना चाहिए।

संयमी लोग कौन होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंयमी लोग कौन होते हैं? संयमी लोग वे होते हैं जो फ़िजूल सामान को बेकार समझते हैं। वे पैसा व्यर्थ में खर्च नहीं करते हैं। वे बुद्धिमान होते हैं।

बाजार लोगों को कैसे आमंत्रित करता है?

बाजार ग्राहकों को ज्यादा-से-ज्यादा लूटने के लिए आमंत्रित करता है।

  • बाजार का रूप ग्राहकों के लिए है।
  • बाजार के आमंत्रण में यह गुण है कि उसमें आग्रह नहीं है क्योंकि आग्रह तिरस्कार जगाता है।
  • ऊँचे बाजार का आमंत्रण मूक होता है और उससे चाहत जगती है।
  • धूल उड़ाती हुई मोटर किसका अहसास करवाती है?