मात्री शब्द का सप्तमी विभक्ति एकवचन में क्या होगा?

मात्री शब्द का सप्तमी विभक्ति एकवचन में क्या होगा?

हे मातरौ ! हे मातरः ! संस्कृत व्याकरण में शब्द रूपों का बहुत महत्व दिया जाता है। और धातु रूप भी बहुत महत्वपूर्ण होते है।…संस्कृत व्याकरण

संस्कृत धातु रुप संस्कृत वर्णमाला लकार
प्रत्यय प्रकरण उपसर्ग प्रकरण संस्कृत विलोम शब्द

मातृ शब्द में क्या शब्द रूप है?

इसे सुनेंरोकेंहे मातः! हे मातरौ! हे मातरः! मातृ (माता) शब्द रूप विशेष के – इसी प्रकार दुहितृ (बेटी), यातृ (देवरानी), ननान्दृ (ननद) आदि के रूप चलते हैं।

मातृ शब्द रूप द्वितीया विभक्ति बहुवचन में रूप क्या होगा?

मातृ (माता) के रूप

विभक्ति एकवचन बहुवचन
द्वितीया मातरम् मातृ
तृतीया मात्रा मातृभिः
चतुर्थी मात्रे मातृभ्यः
पंचमी मातुः मातृभ्यः

मातृ शब्द की षष्टि विभक्ति एकवचन में क्या रूप बनेगा?

इसे सुनेंरोकेंउपर्युक्त सारणी के अनुसार यह स्पष्ट होता है कि ‘मातृ’ शब्द की तृतीया विभक्ति एकवचन में रूप ‘मात्रा’ होता है।

मुनिना में कौन सी विभक्ति तथा वचन का प्रयोग हुआ है?

मुनि के रूप –

विभक्ति एकवचन बहुवचन
तृतीया मुनिना मुनिभि:
चतुर्थी मुनये मुनिभ्य:
पंचमी मुने: मुनिभ्य:
षष्ठी मुने: मुनीनाम्

क्रीडसि रूप कौन से लकार और पुरुष में आता है?

1. लट् लकार क्रीड् धातु – वर्तमान काल

पुरुष एकवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष क्रीडति क्रीडन्ति
मध्यम पुरुष क्रीडसि क्रीडथ
उत्तम पुरुष क्रीडामि क्रीडामः

माता का स्त्रीलिंग क्या होगा?

इसे सुनेंरोकें’मातृ’ (माता) स्त्रीलिंग ॠकारान्त शब्द रूप संस्कृत में ‘Matri'(Mata)Shabda Roop in Sanskrit.