शिव चर्चा कैसे बोला जाता है?

शिव चर्चा कैसे बोला जाता है?

इसे सुनेंरोकेंशिव गुरु का शिव चर्चा सुबह-सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥ सुबह-सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥ सुबह-सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥

शिव चर्चा में क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंपहला सूत्र दया मांगना, क्योंकि अगर हम अपना जीवन क्रोध को त्यागते हुए दया से बिताना शुरु कर देते हैं तो शिव प्रसन्न होते है। दूसरा अपने गुरु शिव की चर्चा करना भाव अकसर यह कहा जाता है प्रभु संसार के कण कण में बसे हुए होते हैं।

शिव गुरु का दया कैसे मांगते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउन्होंने कहा कि शिव शिष्य का कहना है कि जगत गुरु शिव को इस कलियुग में गुरु मानकर चलना है। इसके लिए उन्होंने तीन सूत्र बताये। पहला दया मांगना, दूसरा चर्चा करना और तीसरा नम: शिवाय: से नमन करने पर लोगों का जीवन शिवमय व सुखमय हो जाता है

शिव ही गुरु क्यों?

इसे सुनेंरोकेंगुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूँ। शास्त्रों में ‘गु’ का अर्थ ‘अंधकार’ होता है और ‘रू’ का अर्थ है ‘निरोधक’ अर्थात् अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला, अज्ञान को मिटाकर ज्ञान का मार्ग दिखाने वाला ‘गुरु’ कहलाता है। इसलिए गुरु को भगवान से भी बढ़कर दर्जा दिया गया है।

शिव गुरु का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीयअध्यात्म के सिंहावलोकन से स्पष्ट होता है कि शिव चिरकाल से गुरु पद पर स्थित हैं। ग्रंथों में शिव के शिष्यों-प्रशिष्यों के नामों का उल्लेख है। शिव गुरु हैं और संसार का एक-एक व्यक्ति उनका शिष्य हो सकता है। भारत भूखंड के अधिकांश लोग इस बात को जानते हैं कि भगवान शिव गुरु, आदिगुरु और जगतगुरु हैं।

शिव चर्चा करने से क्या फायदा है?

शिव चर्चा करने के फायेदे और लाभ

  • शिव चर्चा करने का सबसे बड़ा लाभ यह है की आपका मन इधर-उधर नहीं भागता|
  • मन स्थिर और एकाग्र हो जाता है|
  • आपके मन को यह पता होता है की आप क्या काम कर रहे है इसलिए हर काम पूरी लगन और मेहनत से करते है और सफलता प्राप्त करते है|
  • भगवान के रूप में “शिव गुरु” आपकी हर मनोकामना पूरी करतें है|

भगवान शिव के गुरु कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंकहा जाता है कि शिव जी ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी जिसके चलते आज भी समाज में नाथ, शैव, शाक्त आदि संतों में उसी परंपरा का निर्वाह होता आ रहा है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर की इस परंपरा को आदि शंकराचार्य वह गुरु गोरखनाथ ने आगे बढ़ाया था

क्या भगवान को गुरु बना सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंभगवान शिव:हनुमान जी की तरह ही भगवान शंकर को भी आप गुरु बना सकते हैं। भगवान शंकर को गुरु मानकर पूजा करने से सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्रीकृष्ण: आप भगवान श्री कृष्ण को भी अपना गुरु बना सकते हैं

शिव गुरु कौन है?

इसे सुनेंरोकेंप्रचलित मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर की इस परंपरा को आदि शंकराचार्य वह गुरु गोरखनाथ ने आगे बढ़ाया था। भगवान शंकर के बाद सबसे बड़े गुरु भगवान दत्तात्रेय को कहा जाता है। कथाओं के अनुसार इन्होंने ब्रह्मा जी विष्णु महेश तीनों से ही दीक्षा और शिक्षा प्राप्त की थी

भोलेनाथ का गुरु कौन है?

इसे सुनेंरोकेंदेवगुरु बृहस्पति और दैत्य गुरु शुक्राचार्य दोनों के ही गुरु भगवान शिव हैं।

शिव चर्चा के संस्थापक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंमेराल : शिव गुरु चर्चा के संस्थापक नीलम दीदी की पुण्य तिथि के अवसर पर शुक्रवार को मेराल थाना के लातदाग गांव में शिव शिष्य परिवार द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत नीलम दीदी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर व पुष्पांजलि के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित कर की गई

पार्वती माता के गुरु कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंश्रावण कृष्ण चतुर्दशी के दिन गंगा जल से भगवान आशुतोष का अभिषेक होता है। इस दिन को श्रावणी शिवरात्रि भी कहा जाता है। इसी दिन भगवान शंकर ने पार्वती को तंत्र विज्ञान सिखाया था