दीवानी केस क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंसिविल प्रक्रिया संहिता के अनुसार किसी सम्पत्ति से सम्बन्धित या अधिकारों से सम्बन्धित वाद सिविल वाद या दीवानी वाद कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी निजी या सार्वजनिक अधिकार को लेकर दो या अधिक व्यक्तियों में जो वाद शुरू होता है उसे सिविल वाद कहते हैं।
स्थगन आदेश का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंआमतौर पर स्थगन आदेश का मतलब न्यायालय द्वारा एक आदेश को जारी करके किसी कार्य को करने से रोकने के लिए होता है, अर्थात यदि न्यायालय ने किसी कार्य के लिए कोई स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है, तो वह कार्य वहीं पर छोड़ दिया जाना चाहिए जिस स्तिथि में उस कार्य को किया जा रहा था।
बंदी प्रत्यक्षीकरण लेख से आप क्या समझते हैं बताइए?
इसे सुनेंरोकेंबंदी प्रत्यक्षीकरण (लातिनी: habeas corpus, हेबियस कॉर्पस, “(हमारा आदेश है कि) आपके पास शरीर है”) एक प्रकार का क़ानूनी आज्ञापत्र (writ, रिट) होता है जिसके द्वारा किसी ग़ैर-क़ानूनी कारणों से गिरफ़्तार व्यक्ति को रिहाई मिल सकती है।
दीवानी कानून की क्या क्रिया है?
इसे सुनेंरोकेंExplanation: उत्तर- अर्थ संबंधी मामले अर्थात जिनमें संपत्ति, क्रय-विक्रय, लेन-देन आदि पर विवाद शामिल हों, दीवानी (सिविल) मामले माने जाते हैं और दीवानी यानि सिविल विधि प्रक्रियाओं और दीवानी (सिविल) अदालतों के द्वारा निपटाएं जाते हैं
दीवानी कैसे की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंदीवानी प्रक्रिया दीवानी अधिकार तथा कर्तव्यों को लागू करने से संबन्ध रखती है, यह सजा की प्रक्रिया से भिन्न है। भारत में दीवानी प्रक्रिया संहिता, 1908 में वर्णित है। – जिस व्यक्ति द्वारा मुकदमा दायर किया जाता है उसे वादी कहते है।
स्टे आर्डर कैसे मिलता है?
इसे सुनेंरोकेंआदेश दे दिया जाता है उसे स्टे ऑर्डर कहते हैं। उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस कार्यवाही पर भी दिया जा सकता है जिसमें पुलिस द्वारा इन्वेस्टिगेशन की जाती है उस पर भी न्यायालय द्वारा गतिविधियों पर रोक लगा सकता है उसे भी उसे भी स्टे कहा गया है
प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रत्यक्षीकरण का अर्थ संवेदनाओं के अर्थ की व्याख्या करना है। प्रत्यक्षीकरण परिस्तिथि का अपरोक्ष ज्ञान कराने वाली मानसिक प्रक्रिया है। प्रत्यक्षीकरण की प्रक्रिया में केवल किसी वस्तु का परिचय ही नहीं होता बल्कि उसके विषय में ज्ञान भी होता है। किसी विशेष परिस्तिथि में आप चीज़ों को कैसे देखते है, वह प्रत्यक्षीकरण है
रिट कितने प्रकार के होते हैं?
रिट के प्रकार
- बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- निषेधाज्ञा (Prohibition)
- अधिकार पृच्छा (Quo warranto)