दीवानों के जाने पर लोग दुखी क्यों होते हैं?

दीवानों के जाने पर लोग दुखी क्यों होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (c) मस्ती में डूबकर चलना। दीवानों के जाने पर लोग दुःखी क्यों होते हैं? Answer: (b) वे थोड़े समय में ही सबसे आत्मयीता बना लेते हैं।

दिन जल्दी जल्दी ढलता है से कवि का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ – वाक्य की कई बार आवृत्ति कवि ने की है। इससे आशय है कि जीवन बहुत छोटा है। जिस प्रकार सूर्य उदय होने के बाद अस्त हो जाता है ठीक वैसे ही मानव जीवन है।

कविता में दीवाने शब्द से कवि का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: दीवाने शब्द देश के वीरों के लिए प्रयुक्त हुआ है जिनका उद्देश्य है इस देश की स्वाधीनता हेतु अपने जीवन का पूर्ण समर्पण। भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है?

दिन जल्दी जल्दी ढलता है मैं कौन सा अलंकार है?

इसे सुनेंरोकेंजल्दी-जल्दी मे रूपक अलंकार है।

दीवानों के आने से हर्ष और जाने से दुख कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: कवि अपने आने को ‘उल्लास’ कहता है क्योंकि किसी भी नई जगह पर आने से उसे खुशी मिलती है तथा उस स्थान को छोड़कर जाते समय दुख होता है और इसीलिए आँखों से आँसू निकल जाते हैं। वह अन्य लोगों को खुशियाँ बाँटता है जिससे वे अपना दुख भूल जाते हैं। जब वह जाता है तो वह यह दुख लेकर जाता है कि ये खुशियाँ हमेशा के लिए नहीं हैं।

मस्ती भरा जीवन जीने वाले दीवाने लोगों के बीच क्या बन कर आते हैं *?

दिए गए विकल्पों में से निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर का चयन कीजिए: ​मस्ती-भरा जीवन जीनेवाले दीवाने, लोगों के बीच क्या बनकर आते हैं?

  • A. आदर्श
  • शोक
  • मेहमान
  • उल्लास

जग जीवन के भार से कवि का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंकवि का आशय है कि संसार में रहकर मुनष्य को अनेक उत्तरदायित्वों का निर्वाह करना होता है। इस कारण जीवन आसान नहीं रह जाता। कर्तव्यों के गुरुतर भार को ही ‘जग जीवन का भार’ कहा गया है।

दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता में कवि की हताशा और निराशा का कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकें’मुझसे मिलने को कौन विकल’ – दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। गीत का यह प्रश्न उर में क्या भरता है? उत्तर :- (ग) विह्वलता। 2.