गले की एंडोस्कोपी कैसे की जाती है?

गले की एंडोस्कोपी कैसे की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंएंडोस्कोप्स को शरीर के प्राकृतिक रूप से खुले हिस्से के ज़रिए शरीर में डाला जाता है जैसे मुंह के जरिये गले के अंदर या शरीर के निचले भाग से इसे शरीर में डाला जाता है। जब कीहोल (keyhole) सर्जरी की जा रही हो तो त्वचा में एक छोटा सा चीरा लगाकर, उसके ज़रिए भी एंडोस्कोप (endoscope) को शरीर में डाला जाता है।

एंडोस्कोपी कितने प्रकार की होती है?

उपयोग

  • ग्रासनली (esophagus), जठर (stomach) तथा ग्रहणी (duodenum) (एसोफेगोगैस्ट्रोड्युडेनोस्कोपी) (esophagogastroduodenoscopy)
  • छोटी आंत (एंटेरोस्कोपी) (enteroscopy)
  • बड़ी आंत\कोलन (कोलोनोस्कोपी (colonoscopy), सिग्मॉइडोस्कोपी (sigmoidoscopy))
  • मैग्निफिकेशन एंडोस्कोपी
  • पित्त वाहिका (bile duct)

कैप्सूल एंडोस्कोपी क्या है in Hindi?

इसे सुनेंरोकेंकैप्सूल एंडोस्कोपी के तहत मरीज को एक कैप्सूल खाने को दिया जाता है। कैप्सूल के एक सिरे पर कैमरा लगा होता है। कैप्सूल देने के बाद मरीज को 12 घंटे की निगरानी में रखा जाता है। इसके बाद कंप्यूटर पर करीब 50 हजार फोटो देखकर डॉक्टर पेट की छोटी-बड़ी बीमारियों का पता लगा लेते हैं।

एंडोस्कोपी की जांच कितने रुपए में होती है?

इसे सुनेंरोकेंमल्होत्रा ने बताया कि पीजीआई में एंडोस्कोपी की जांच मुफ्त कराई जाती है। जबकि निजी अस्पताल इसके एवज में 5 से 10 हजार रुपए लेते हैं। बता दें कि एंडोस्कोपी जांच के माध्यम से खाने की नलकी या पेट के कैंसर का पता लगाया जाता है।

कोलोनोस्कोपी क्यों करते है?

इसे सुनेंरोकेंकोलोनोस्कोपी निम्नलिखित मामलों में की जाती है। किसी भी आंतों की समस्या या पेट दर्द, मलाशय से खून बहना, कब्ज, दस्त जैसे लक्षणों की जांच करना जो सामान्य उपायों से दूर नहीं होते हैं।

एंडोस्कोपी में क्या क्या पता चलता है?

इसे सुनेंरोकेंआपको बता दे, एंडोस्कोपी एक ऐसी ही परीक्षण प्रकिया है, जिसमे चिकिस्तक इस उपकरण की मदद से शरीर के भीतरी अंगो और वाहिकाओं को देखते है। शरीर के भीतरी अंगो को स्पष्ट से देखने के लिए इस उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस उपकरण की विशेषता है शरीर में बिना किसी कट लगाए भीतर के अंगो को देखा जा सकता हैं

कोलोनोस्कोपी क्यों की जाती है?

कोलोनोस्कोपी क्यों किया जाता है?

कोलोनोस्कोपी के बाद क्या खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंफ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीजों का सेवन करने से आपको कोलन को साफ रख सकते हैं और इसमें होने वाले कैंसर से भी बचे रह सकते हैं। अलसी में इंटेस्टाइनल फ्लोरा को प्रोटेक्ट करने का गुण रहता है जिसके कारण पेट की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है और कोलन में किसी भी प्रकार का टॉक्सिक इकट्ठा नहीं हो पाता है

एंडोस्कोपी में कितना खर्चा आता है?

एंडोस्कोपी कराने में कितना खर्च आता है?