पैराटायफाइड क्या है?

पैराटायफाइड क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहालाँमक टाइफाइड या पैराटाइफायड बुखार के साथ बीमारी का खतरा, उनके रहनेकी अवतध सेबढ़ जाता ह, ै लेमकन यामत्यों कमो उन देशों के एक सप्ताह सेभी कम समय के दौरेके दौरान भी टाइफाइड बुखार हमो जाता ह, ै जहां यह बीमारी सथामनक है (जैसेपामकस्तान, भारत और बांगलादेश)।

मम्प्स क्या है इन हिंदी?

इसे सुनेंरोकेंगलगण्ड रोग (अंग्रेज़ी: ”, पैरोटाइटिस’ मम्प्स ‘ के रूप में भी जाना जाता है) एक विकट विषाणुजनित रोग है जो पैरोटिड ग्रंथि को कष्टदायक रूप से बड़ा कर देती है। ये ग्रंथियां आगे तथा कान के नीचे स्थित होती हैं तथा लार एवं थूक का उत्पादन करती हैं।

कैसे टाइफाइड कमजोरी से उबरने के लिए?

इसे सुनेंरोकेंटाइफाइड के दौरान लोगों को अपने खान-पान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि उस दौरान लोगों के शरीर में ऊर्जा कम हो जाती है और कमजोरी लगने लगती है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थो का सेवन करें जिसमें उच्च मात्रा में पोषक तत्व मौजूद हो और आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्रदान कर सके।

मम्प्स बीमारी का क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंगलसुआ एक संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। यह संक्रमण संक्रमित लार, छींकने या खांसने और संक्रमित व्यक्ति के साथ बर्तन साझा करने से फैलता है। गलसुआ के लक्षणों में पहला लक्षण है बुखार।

टाइफाइड दोबारा क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकेंठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकता है टाइफाइड वो लोग जो एंटीबायोटिक्स से ठीक हो जाते हैं, उनमें बीमारी के लौटकर आने का जोखिम ज्यादा रहता है। अगर रिकवर होने के बाद सावधानी न बरती जाए तो इसके दोबारा होने की गुंजाइश और भी ज्यादा होती है।

टाइफाइड ठीक होने के बाद क्या खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंटाइफाइड को जल्द ही ठीक करना चाहते हैं तो फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन करें। खाने में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं। इस बीमारी में दही खाना बेहद फायदेमंद है।

टाइफाइड की रिपोर्ट कैसे देखे?

इसे सुनेंरोकेंऐसे होती है टायफाइड की जांच -यदि ब्लड में ऐंटिजन-एच और ऐंटिजन-ओ होते हैं तो व्यक्ति को रिपोर्ट को पॉजिटिव माना जाता है। इसके साथ ही सीरम में ऐंटिबॉडीज की जांच की जाती है और ऐंटिबॉडीज का स्तर नापा जाता है। इन सभी की जांच के बात इस बात को पुख्ता किया जाता है कि रोगी का टेस्ट नेगेटिव है या पॉजिटिव है।

टाइफाइड का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअजय मोहन के अनुसार, टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी (एस टाइफी) बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। भारत में यह बीमारी आम है। यहां इसे मोतीझरा या मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है।

टाइफाइड बुखार क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकेंटायफाइड का बुखार पाचन तंत्र और बल्डस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होता है। टाइफाइड पानी और फूड जनित बीमारी है। इस बीमारी में सलोमोनेला टाइफी नाम का बैक्ट्रीरियां गंदे पानी और खाने के जरिए शरीर में प्रवेश करके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। हालांकि इस बीमारी के ज्यादातर लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं।