मुंडन क्यों किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंहिंदू धर्म में शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार बच्चे का बल, आरोग्य, तेज को बढ़ाने और गर्भवस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मुंडन संस्कार एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार है। मुंडन संस्कार करवाने के पीछे पौराणिक मान्यता है कि इससे शिशु की बुद्धि पुष्ट होती है, जिससे बौद्धिक विकास सही से होता है
बरसी कब की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंतेरहवें दिन मृत्युभोज देते हैं। इसके बाद सवा महीने का कर्म होता है, फिर बरसी मनाई जाती और मृतक को श्राद्ध में शामिल कर उसकी तिथि पर श्राद्ध मनाते हैं। तीन वर्ष बाद उसका गया में पिंडदान कर उससे मुक्ति पाई जाती है।
मुंडन कब करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंमाना जाता है कि बालक की आयु एक वर्ष की होने तक या दो वर्ष पूरा होने पर तीसरे वर्ष में बालक का मुंडन कराना चाहिए. इस दौरान बच्चे का सिर गंजा किया जाता है, उसे पर हल्दी लगाई जाती है और कुल देवता के मंदिर में ले जाया जाता है
बच्चों का मुंडन कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंबच्चे की उम्र के पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष के पूर्ण होने पर उसके बाल उतारे जाते हैं और यज्ञ किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार या चूड़ाकर्म संस्कार कहा जाता है. इससे बच्चे का सिर मजबूत होता है तथा बुद्धि तेज होती है. सामान्यतः उपनयन संस्कार बच्चे के 6 से 8 वर्ष की आयु के बीच में किया जाता है.
प्रथम बरसी कब की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंइन्हीं को पितर कहते हैं। दिव्य पितृ तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण और दिव्य मनुष्य तर्पण के पश्चात् ही स्व-पितृ तर्पण किया जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं। जिस तिथि को माता-पिता का देहांत होता है, उसी तिथी को पितृपक्ष में उनका श्राद्ध किया जाता है।
वार्षिक श्राद्ध कब करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंप्रतिवर्षभाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन माह की अमावस्या तक श्राद्ध मनाए जाते हैं। जिस हिंदू तिथि के दिन पूर्वजों की मृत्यु होती है, उसी तिथि के दिन ही उनका श्राद्ध किया जाता है। आश्विन कृष्ण पक्ष के 15 दिनों तक पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए तर्पण से तृप्त होकर लौट जाते हैं।
2021 में मुंडन का मुहूर्त कब है?
मुंडन मुहूर्त 2021 मार्च (Mundan Muhurat March 2021)
तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
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बुधवार, 10 मार्च | 14:42:01 | 30:37:13 |
गुरुवार, 11 मार्च | 06:36:06 | 14:41:39 |
बुधवार, 24 मार्च | 06:21:12 | 23:13:07 |
सोमवार, 29 मार्च | 20:56:32 | 30:15:24 |
2022 में मुंडन का शुभ मुहूर्त कब है?
बच्चे का मुंडन क्यों कराया जाता है?
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त |
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1 जून 2022 | बुधवार | 05:24 से 13:00 तक |
2 जून 2022 | गुरुवार | 16:04 से 20:06 तक |
4 जून 2022 | शनिवार | 18:49 से 29:31 तक |
10 जून 2022 | गुरुवार | 05:23 से 18:42 तक |