स्थलाकृतिक मानचित्र से आप क्या समझते हैं?

स्थलाकृतिक मानचित्र से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्थलाकृतिक मानचित्र : भू सतह के प्राकृतिक एवं मानवकृत ब्यौरों को प्रदर्शित करने वाला, बड़ी मापनी पर खींचा गया, एक छोटे क्षेत्र का मानचित्र। इस मानचित्र पर उच्चावच समोच्च रेखाओं द्वारा प्रकट किया जाता है। हैश्यूर : मानचित्र पर समोच्च रेखाओं को लंबवत् काटती हुई महत्तम ढाल की दिशा में खींची गई छोटी सरल रेखाएँ।

हैश्यूर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएक मानचित्र पर स्थलीय ढाल के अंतर को निरूपित करने के लिए छायारंजित छोटी-छोटी रेखाएं। यदि ढाल अतिप्रवण होता है, तो ये रेखाएं अथवा हैश्यूर घनी, मोटी एवं अधिक सटी हुई होती है, और यदि ढाल मंद होता है तो ये बारीक तथा काफी खुली होती है।

इसे सुनेंरोकेंस्थलाकृतिक मानचित्र दो-आयामी मानचित्र हैं जो तीन-आयामी पृथ्वी की सतह का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे अन्य मानचित्रों से अलग हैं, जिसमें वे इलाके के ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज दोनों स्थिति दिखाते हैं। समोच्च रेखाओं के अलावा, भौगोलिक विशेषताओं के आकार और स्थान को चित्रित करने के लिए रंग, लेबल और प्रतीकों का भी उपयोग किया जाता है।

मानचित्र हमारे लिए उपयोगी कैसे हैं समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंमानचित्र पूरे विश्व से लेकर छोटे-से-छोटे स्थान की भौगोलिक जानकारी के लिये एक सन्दर्भ का काम करता है। मानचित्र किसी अज्ञात स्थान के लिये मार्गदर्शक और दिग्दर्शक का काम करता है। थल, जल या वायु मार्ग से यात्रा करने में यात्रा के मार्ग की योजना बनाने और उस मार्ग पर बने रहने में सहायक होता है।

ढाल पतन सिद्धांत किसका है?

इसे सुनेंरोकेंडेविस ने अपरदन चक्र सिद्धांत की व्याख्या के क्रम में ढाल विकास से संबंधित सिद्धांत भी दिया. इसे डेविस का ढाल पतन सिद्धांत कहा जाता है. इसके अनुसार अपरदन चक्र की प्रक्रिया में ढालों का क्रमिक पतन होता है और अंततः ढाल समाप्त हो जाते है, जिससे एक अपरदन चक्र पूर्ण होता है.

उत्तल ढाल क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबाहर की ओर उभार वाला ढाल जिसमें नीचे की ओर ढाल कोण बढ़ता जाता है। इसे प्रदर्शित करने वाली समोच्च रेखाएं उच्च मान से निम्न मान की ओर क्रमशः समीप होती जाती हैं अर्थात् उनके बीच की दूरी कम होती जाती है। इसके ऊपरी भाग में मंद ढाल तथा निचले भाग में तीव्र ढाल मिलता है।