मशीनी युग से आप क्या समझते हैं *?
इसे सुनेंरोकेंमशीनी युग में हम कठपुतली बन कर रह गये हैं और हमारी आंखों के सामने ही हमारे हिस्से का काम भी मशीन छीन ले जा रहा है और हम लाचार और बेवश बनकर रह से गये हैं। विकास की होड़ में मानव जाति ने सफलता की बुलंदियों को छुआ।
मशीनी युग के बारे में बदलू ने क्या कहा?
इसे सुनेंरोकेंबदलू एक मनिहार अर्थात् चूड़ियाँ बनाने वाला था। अचानक मशीनी युग आन से मशीन पर बनी काँच की चूड़ियाँ अधिक बिकने लगीं और बदलू की चूड़ियाँ सबने लेनी बंद कर दीं। ऐसा होने पर उसका पैतृक पेशा जाता रहा। उसे अपना काम ही बंद करना पड़ा।
लेखक को बदलू क्या कहकर बुलाता था *?
इसे सुनेंरोकेंलेखक बदलू को ‘बदलू काका’ क्यों कहता था? (d) क्योंकि वह लेखक का चाचा था।
मशीनी युग ने कई हाथ काट दिए इसका क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकें’मशीनी युग ने कितने ही हाथ काट दिए हैं’ -इस पंक्ति के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि हाथ से किए जाने वाले उद्योग- धंधे मशीनों द्वारा किए जाने लगे हैं। ऐसे में हाथ से काम करने वाले लोग या तो बेरोजगार हो गए हैं या फिर अपने पैतृक (पूर्वजों के) कार्यों को छोड्कर दूसरे कार्य करने के लिए मजबूर हो गए हैं।
लाख की चूड़ियों के अलावा और क्या क्या चीजें बनती है?
इसे सुनेंरोकेंलाख से चूड़ियों के अतिरिक्त गोलियाप, मूर्तियों तथा अन्य सजावटी सामान बनता है।
बदलू के व्यथित क्यों था?
इसे सुनेंरोकेंलेखक को बदलू क्यों व्यथित लगा? क्योकि उसका काम बंद हो गया था। क्योंकि उसे लोगों ने गाँव से बाहर निकाल दिया था। क्योंकि उसका काम अब चलता न था।
लेखक हरे भरे पेड़ों को क्या समझता था *?
इसे सुनेंरोकेंदोनों तरफ़ हरे-भरे पेड़ थे जिन पर पक्षी बैठे थे। मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी। Answer: (c) क्योंकि लेखक ने सोच लिया कि बस का कभी भी ब्रेक फेल हो सकता है, या स्टीयरिंग टूट सकता है।
मशीनों के आने से हमारे जीवन में क्या फर्क पड़ता है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: मशीनी युग में जीने के कारण हम लोग एक जगह से दूसरी जगह बहुत आसानी और कम देरी में पहुंच जाते हैं। मशीनी युग में जीने का एक लाभ यह है कि हम घर बैठे किसी भी प्रकार के सामान की खरीदारी कर सकते हैं और घर से ही अपना व्यवसाय भी चला सकते हैं।
मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए इस पंक्ति में लेखक ने किस दिशा की ओर संकेत किया?
इसे सुनेंरोकें’मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं। ‘ इस वाक्य के माध्यम से लेखक का इशारा उन लोगों की तरफ है जो अपने हाथों से वस्तुओं को बनाते और अपना घर चलाते थे। उन्हें इस काम के अलावा कुछ नहीं आता। पीढ़ियों से वे यही काम करते आ रहे हैं।