फ्रांसीसी क्रांति कैसे समाजवादी व्यवस्था में पतन का कारण बना?

फ्रांसीसी क्रांति कैसे समाजवादी व्यवस्था में पतन का कारण बना?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: क्रान्ति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रान्ति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ।

बास्तील का पतन किन कारणों से हुआ तथा इसके क्या परिणाम हुए?

इसे सुनेंरोकेंबास्तील का दुर्ग उस समय फ्रांस में राजाओं की निरंकुशता और उनके वर्चस्व का प्रतीक माना जाता था। लेकिन जून 1789 में फ्रांस में राष्ट्रीय महासभा को मान्यता मिलने के बाद होने वाले अधिवेशन पर पूरी फ्रांस की निगाहें टिकी थीं। इसी बीच में अफवाह फैल गई कि फ्रांस का राजा विदेशी सहायता से क्रांतिकारियों को कुचलने वाला है।

बास्तील के पतन से क्या आश्चर्य?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: Explanation: बास्तील का पतन एक युगांतकारी घटना थी जो निरंकुशता का पतन एवं जनता की विजय का प्रतीक थी। वास्तव में यह क्रांति का उद्घोष था और इसीलिए फ्रांस में 14 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: क्रान्ति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रान्ति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी।

फ्रांस के समाज में कर देने वाला स्टेट कौन सा था क प्रथम ख द्वितीय ग तृतीय?

इसे सुनेंरोकेंप्रथम एस्टेट में पादरी आते थे। दूसरे एस्टेट में कुलीन एवं तृतीय एस्टेट में व्यवसायी, व्यापारी, अदालती कर्मचारी, वकील, किसान, कारीगर, भूमिहीन मजदूर एवं नौकर आते थे। यह केवल तृतीय एस्टेट ही थी जो सभी कर देने को बाध्य थी। पादरी एवं कुलीन वर्ग के लोगों को सरकार को कर देने से छूट प्राप्त थी।

फ्रांसीसी समाजवादी कौन था?

इसे सुनेंरोकेंआगे चलकर फेबियन तथा अन्य समाजवादियों ने इस संवैधानिक मार्ग का आश्रय लिया। परंतु फ्रांसीसी समाजवादी लुईज्लाँ (Louis Blonc, 1811-1882) क्रांतिकारी था। वह उद्योगों के समाजीकरण ही नहीं, मजदूरों के काम करने के अधिकार का भी समर्थक था।

फ्रांसीसी समाजवादी के विकास का जन्मदाता कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंसमाजवाद के जन्मदाता थे लोहिया