रोहन ने सोहन को मिठाई दी यह वाक्य कौन से कारक भेद का उदाहरण है?
इसे सुनेंरोकेंपरसर्ग रहित भूतकाल की अकर्मक क्रिया में परसर्ग का प्रयोग नहीं किया जाता है। वाक्य में वर्तमानकाल की क्रिया का कर्ता सोहन है
से कौन से कारक में आता है?
कारक के भेद
क्रम | कारक | चिह्न |
---|---|---|
1 | कर्ता | ने |
2 | कर्म | को |
3 | करण | से, द्वारा |
4 | सम्प्रदान | को,के लिए |
वह जहाज पर चढ़ गया था यह वाक्य कौन से कारक का उदाहरण है?
इसे सुनेंरोकेंकरण कारक “वाक्य में जिस साधन या माध्यम से क्रिया का सम्पादन होता है, उसे ही ‘करण–कारक’ कहते हैं।”20 अग॰ 2021
अजी जरा इधर आना यह कौन सा कारक है?
इसे सुनेंरोकेंसंज्ञा के जिस रूप से किसी को पुकारने, बुलाने या चेताने का बोध होता है, उसे ‘संबोधन कारक’ कहते हैं । इसके विभक्ति-प्रत्यय हैं – रे, हे, अजी, अहो, अरे, ए, ओ, आदि ।
समीर ने पत्र लिखा में कौन से कारक चिन्ह का प्रयोग हुआ है?
इसे सुनेंरोकेंकर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह ‘ने’ होता है। उदाहरण : रामू ने अपने बच्चों को पीटा। समीर जयपुर जा रहा है।
का की के चिह्न निम्नलिखित में कौन से कारक के चिह्न है?
कारक के विभक्ति चिन्ह
कारक | लक्षण | चिह्न |
---|---|---|
(1)कर्ता | जो काम करें | ने |
(2)कर्म | जिस पर क्रिया का फल पड़े | को |
(3)करण | काम करने (क्रिया) का साधन | से, के द्वारा |
(4)सम्प्रदान | जिसके लिए किया की जाए | को,के लिए |
कारक में कौन सा प्रत्यय है?
इसे सुनेंरोकेंअतः ‘कारक’ में ‘अक’ प्रत्यय और ‘कृ’ मूल शब्द है
कारक के भेद कितने हैं?
इसे सुनेंरोकेंकारक के आठ भेद होते है l कर्ता कारक – ने कर्म कारक – को करण कारक – से, के द्वारा संप्रदान कारक – को, के लिए अपादान कारक – से (अलग होने के अर्थ में) संबंध कारक – का, की, के आदि अधिकरण कारक – में, पर संबोधन कारक – हे!, अरे!
हिमगिरि के हिम से कारक कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंइसमें ‘का’, ‘की’, ‘के’, जैसे विभक्ति चिह्न के माध्यम से दो वस्तु या पदार्थों के बीच संबंध प्रकट किया जाता है। ‘हिमगिरि के हिम’ में ‘हिमगिरि’ का संबध ‘के’ विभक्ति के माध्यम से ‘हिम’ से प्रकट हो रहा है, इसलिये यहाँ पर संबंध कारक है
करण कारक और अपादान कारक में क्या अंतर है लिखो?
इसे सुनेंरोकेंकरण और अपादान कारक में अंतर करण कारक में जहाँ पर ‘से’ का प्रयोग साधन के लिए होता है, वहीं पर अपादान कारक में अलग होने के लिए किया जाता है। कर्ता कार्य करने के लिए जिस साधन का प्रयोग करता है उसे करण कारक कहते हैं। लेकिन अपादान में अलगाव या दूर जाने का भाव निहित होता है
करण कारक और संप्रदान कारक में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंकर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर (Difference between Karm and Sampradan Karak):- इन दोनों कारक में को विभक्ति का प्रयोग होता है। कर्म कारक में क्रिया के व्यापार का फल कर्म पर पड़ता है और सम्प्रदान कारक में देने के भाव में या उपकार के भाव में को का प्रयोग होता है
अलग होने का भाव कौन से कारक में होता है?
इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में – संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट होता है, उसे अपादान कारक कहते है। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होना, उत्पन्न होना, डरना, दूरी, लजाना, तुलना करना आदि का पता चलता है, उसे अपादान कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह से होता है