गवरे ने गवरइया को बावरे का उदाहरण क्यों दिया?
इसे सुनेंरोकेंगवरे: भला यह भी कोई सुंदरता है इसने अपनी प्राकृतिक सुंदरता को तो ढक लिया है। गवरइया : लेकिन कपड़े आदमी को बदलते मौसम से बचाने में सहायक होते हैं। गवरे: हां कपड़े पहन लेने से वे मौसम से तो बच सकते हैं लेकिन साथ ही उनके कपड़ों से उनकी हैसियत भी झलकती है
गवरा को क्या पाने की इच्छा थी?
इसे सुनेंरोकेंगवरइया का कहना था कि आदमी कपड़े पहनकर जँचता है जबकि गवरा का कहना था कि आदमी कपड़े पहनकर अपनी कुदरती सुंदरता को ढक लेता है। गवरइया की इच्छा थी कि वह अपने सिर पर एक टोपी पहने। उसे अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर तब मिला जब उसे कूड़े के ढेर पर चुगते-चुगते रुई का एक फाहा मिला।
राजा का खजाना खाली रहने का कारण क्या था?
इसे सुनेंरोकेंतमाम बेगार करवाने, बहुत सख्ती से लगान वसूलने के बावजूद राजा का खजाना खाली ही रहता था। इतना ऐशो आराम, इतनी लशकरी, इतने लवाजिमे का बोझ खजाना सँभाले तो कैसे! राजा के घबराने का कारण क्या था? बेगार करवाने, बहुत सख्ती से लगान वसूलने के कारण राजा कैसा माना जाएगा?16 दिस॰ 2020
गवरइया धुनिया के पास क्यों गई?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: टोपी बनवाने के लिए गवरइया रूई लेकर सबसे पहले धुनिया के पास गई। उसके बाद उत्साहित गवराइया एक कोरी के यहाँ घुनी रूई से सूत कातवाने गई। फिर वो सूत से कपड़ा बुनवाने के लिए एक बुनकर के पास गई ।
गवरइया ने गवरे से कौन सी इच्छा प्रकट की *?
इसे सुनेंरोकेंगवरइया की इच्छा पूर्ति का क्रम घूरे पर रुई के मिल जाने से प्रारंभ होता है। उसके बाद वह क्रमशः एक-एक कर कई कारीगरों के पास जाती है और उसकी टोपी तैयार होती है।
गौरैया और घबरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवैया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: आदमी के कपड़े पहनने की बात को लेकर ‘गवरइया’ और ‘गवरा’ में बहस हुई। गवरहया को आदमी का रंग बिरंगे कपड़े पहनना अच्छा लगता था। उसने इसे धुनवाया, कपड़ा बुनवाया फिर टोपी सिलवाई इसी से उसे टोपी पहनने की इच्छा पूरी करने का अवसर मिला।
राजा गौरैया की टोपी क्यों छीन लेता है?
इसे सुनेंरोकेंलेकिन आज गवरइया ने अपनी सुंदर टोपी उन कामों को रोककर बनवाई थी। इसलिए वह राजा को टोपी दिखाने उसके महल जा पहुंची। राजा को टोपी दिखाने और चुनौती देने का एक कारण यह भी था कि राजा राज्य के कारीगरों से बिना मजदूरी दिए काम लेता था, जिस कारण वे लोग राजा के काम अनमाने ढंग से करते थे
गवरइया की टोपी बनाने की इच्छा पूरी करने में कोई बाधा क्यों नहीं आई?
इसे सुनेंरोकेंगवरा का कहना था कि उसके लिए टोपी कोई नहीं बनाएगा। क्योंकि सब राजा का काम कर रहे हैं। गवरइया और गवरे की बहस को इस प्रकार लिखा जा सकता है। गवरइया- देखते हो, आदमी रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर कितना सुंदर दिखाई देता है।
अपना खजाना भरने के लिए राजा क्या करता था *?
इसे सुनेंरोकेंजैसे राजा के कारीगरों ने उसका काम न करके गवरइया का पहले किया। गवरइया की टोपी राजा की टोपी से अधिक सुन्दर थी। तीसरा कारण था खजाने का घटता धन, खजाने को पूरा करने के लिए उसने बेगार करवाना शुरू कर दिया और लगान वसूलना शुरू किया।
टोपी कहानी में गवरइया धुनिए के पास क्यों गई?
इसे सुनेंरोकेंसिपाही ने गवरइया की टोपी क्यों गिराई? (d) क्योंकि वह टोपी पहनकर राजा को चिढ़ा रही थी। Answer: (d) क्योंकि वह टोपी पहनकर राजा को चिढ़ा रही थी
गौरैया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गौरैया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?
गवरइये ने गँवरे से कौन सी इच्छा व्यक्त की?
इसे सुनेंरोकेंचुगतेचुगते उसे रुई का एक फाहा मिला। गवरइए ने गँवरे से कौन सी इच्छा प्रकट की? टोपी कौन पहनता है?30 सित॰ 2020