संघात्मक शासन का क्या अभिप्राय है?

संघात्मक शासन का क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंजिन राज्यों में संविधान के द्वारा ही केंद्रीय सरकार और प्रांतीय सरकारों के बीच शक्ति विभाजन कर दिया जाता है और ऐसा प्रबंध कर दिया जाता है कि इन दोनों पक्षों में से एक अकेला इस शक्ति विभाजन में परिवर्तन न कर सके उसे संघात्मक शासन (Federal Governance) कहते हैं।

संघीय शासन व्यवस्था में सत्ता के कितने स्तर होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: किसी भी संघीय व्यवस्था में सामान्य तौर पर सरकार के दो स्तर होते हैं। एक स्तर पर पूरे देश के लिये एक सरकार होती है और दूसरे स्तर पर राज्य की सरकारें होती हैं।

संघात्मक शासन प्रणाली का जन्मदाता कौन सा देश है?

इसे सुनेंरोकेंस्ट्रांग’ ने कहा है- “संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान विश्व का सर्वाधिक पूर्ण संघात्मक संविधान है।” के. सी.

एक संघीय व्यवस्था में केंद्रीय सरकार की शक्तियां कौन तय करता है?

इसे सुनेंरोकें(7) सामान्य काल में भी संघीय सरकार की असाधारण शक्तियां:- संविधान द्वारा सामानय काल में भी संघीय सरकार को असाधारण शक्तियां प्रदान की गयी हैं। अनुच्छेद 249 के अनुसार राज्य सभा दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करके राष्ट्रीय हित में अल्पकाल के लिए संघीय संसद को राज्य सूची के विषयों पर कानून निर्माण का अधिकार दे सकती है।

एकात्मक और संघात्मक सरकार में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकें(i) एकात्मक सरकार में शासन का एक ही स्तर होता है। शक्तियों का केन्द्रीकरण होता है। केंद्र के पास सारी शक्तियाँ होती है। संघात्मक सरकार में शक्तियों का विभाजन केंद्र व प्रान्त के बीच होता है।

एकात्मक और संघात्मक शासन व्यवस्था से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंजहाँ शासन सत्ता एक ही केन्द्र में निहित होती है उस एकात्मक तथा जहाँ शकिायों का वितरण केन्द्र व स्थानीय इकाइयों के मध्य होता है उसे संघीय शासन कहते है। यह विभाजन संविधान द्वारा होता है तथा संविधान सर्वोच्च होता है।

सरकार के कितने स्तर होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंराज्यों का संघ होने के कारण शासन के दो स्तर हैं। केन्द्र में सरकार को केन्द्रीय सरकार और राज्य स्तर पर सरकार को राज्य सरकार कहते हैं। संघीय (केन्द्रीय) सरकार के तीन अंग हैं- विधायिका (संसद) कार्यपालिका (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद) और न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय)।

संघात्मक सरकार के सामान्यता कितने स्तर होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस आधार पर कहा जा सकता है कि संघवाद सरकार का वह रूप है जिसमें देश के भीतर सरकार के कम-से-कम दो स्तर मौजूद हैं- पहला केंद्रीय स्तर पर और दूसरा स्थानीय या राज्यीय स्तर पर। भारत की स्थिति में संघवाद को स्थानीय, केंद्रीय और राज्य सरकारों के मध्य अधिकारों के वितरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है

संघात्मक शासन का प्रमुख दोष किसका है?

इसे सुनेंरोकेंसंघात्मक शासन या सरकार के दोष संघीय सरकार एक दुर्बल सरकार होती है, क्योंकि न्यायपालिका की सर्वोच्चता केन्द्र या प्रांतीय सरकारों द्वारा बनाए गए कानूनों के लिए बहुत बड़ा खतरा होती है। सरकार की शक्तियों का विभाजन होने के कारण केन्द्रीय सरकार महत्वपूर्ण मामलों में भी प्रादेशिक सरकारों पर दबाव नहीं डाल सकती

एकात्मक और संघात्मक शासन में क्या अंतर है?

भारतीय संविधान को अर्ध संघीय क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंA. यह केंद्र और राज्यों के बीच विधायी और कार्यकारी शक्तियों के वितरण का प्रावधान करता है। यह संविधान के अनुच्छेद 3 में एक संघीय राज्य के लिए प्रावधान करता है जिसमें कहा गया है कि भारत राज्यों का संघ है। …

इनमें से कौन सा भारत के संविधान का संघात्मक लक्षण प्रदर्शित करता है?

इसे सुनेंरोकेंअनुच्छेद 352 के अन्तर्गत लागू की गई आपात स्थिति की घोषणा के अन्तर्गत भारत के संघात्मक ढाँचे को एकात्मक रूप दिया जा सकता है। अनुच्छेद 356 के अन्तर्गत केवल सम्बन्धित राज्य सरकार अथवा राज्य सरकारों को समाप्त किया जा सकता है।