राष्ट्र संघ की विश्व शांति की रक्षा में क्या भूमिका थी?

राष्ट्र संघ की विश्व शांति की रक्षा में क्या भूमिका थी?

इसे सुनेंरोकेंभारत और विश्व शांति भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्रों के बीच शांति की स्थापना पर विशेष रूप से जोर देने वाला राष्ट्र है । इसने समस्त विश्व में गुटनिरपेक्षता की नीति के अंतर्गत शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । भारत की विदेश नीति का यह एक आधारभूत सिद्धांत विश्व शान्ति को बनाए रखना है।

राष्ट्रीय संघ के चार प्रमुख उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य विश्व में युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारना, जीवन स्तर सुधारना और बीमारियों से लड़ना है.

विश्व शांति में महत्वपूर्ण योगदान किसका था?

इसे सुनेंरोकेंनिर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने गुरुवार को कहा कि लोकतांत्रिक देश भारत विश्व शांति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। दलाई लामा ने कहा कि क्रोध एवं करुणा सब भावना का हिस्सा हैं जिन्हें प्राचीन भारतीय ज्ञान से नियंत्रित किया जा सकता है।

विश्व शांति में भारत का योगदान क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारत ने हमेशा ही विश्व में शांति का संदेश दिया है। भारत से ही दुनिया में शुद्ध संस्कृति का प्रचार हुआ। दुनिया में जितने भी ज्ञान का प्रसार हुआ वह सब भारत से ही हुआ है। भारत लंबे समय तक स्वयं आजादी के लिए संघर्ष करता रहा है लेकिन कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया।

राष्ट्र संघ का उदय कब हुआ?

इसे सुनेंरोकें24 अक्टूबर, 1945 तक विश्व के सभी बड़े राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा-पत्र को स्वीकार कर लिया। 24 अक्टूबर ही संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थापना दिवस माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 राष्ट्र सदस्य हैं।

अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में शांति स्थापना का साधन कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, शान्ति स्थापना कार्य और विवाद प्रस्तावों की स्थापना का प्रयास करती है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंहम सब को अंतरराष्ट्रीय संगठन की जरूरत है ताकि दुनिया में समस्याओं का शांतिपूर्ण तरीके से समस्याओं का समाधान किया जा सके, आपसी बातचीत को बढ़ावा दिया जा सके, अंतरराष्ट्रीय कानून और संस्था बनाई जा सके और पूरी दुनिया का सहयोग हासिल किया जा सके ।