संवाद पटाखे हमारे लिए क्यों हानिकारक है?
इसे सुनेंरोकेंपटाखे उसे कुछ दिनों के लिए बढ़ा देते हैं। उसके कारण अनेक जानलेवा बीमारियों मसलन – हृदय रोग, फेफड़े, गॉल ब्लैडर, गुर्दे, यकृत एवं कैंसर जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा पटाखों से मकानों में आग लगने तथा लोगों खासकर बच्चों के जलने की संभावना होती है एवं हवा के प्रदूषण के अलावा पटाखों से ध्वनि प्रदूषण होता है
पटाखे में कौन सी हानिकारक धातु होती है?
इसे सुनेंरोकेंन्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पटाखों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली धातु लीथियम, पारा, आर्सेनिक, एंटीमोनी, सीसा धातुओं के प्रयोग पर रोक लगाई है
पटाखे जलाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंपटाखे जलाने से होता ये नुकसान कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच पटाखे जलाना और ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि प्रदूषण की वजह से इम्यूनिटी कमजोर होती है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है
आतिशबाजी को हरा रंग कौन देता है?
इसे सुनेंरोकेंआतिशबाजी में हरा रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है?-बेरियम, सोडियम, मैग्नीशियम, स्ट्रांशियम …
पटाखे क्यों नहीं जलाने चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंजब पटाखे जलते व फूटते हैं तो उससे वायु में सल्फर डाइआक्साइड व नाइट्रोजन डाइआक्साइड आदि गैसों की मात्रा बढ़ जाती है। ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह होती हैं। पटाखों के धुएँ से अस्थमा व अन्य फेफड़ों संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
पटाखों का आविष्कार कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंदरअसल, आठवीं-नौंवी शताब्दी में चीन में बारूद का आविष्कार होने के बाद पटाखों का निर्माण शुरू हुआ। 15वीं शताब्दी में मंगोल बारूद भारत लेकर आए और इसी के बाद पटाखों का चलन शुरू हुआ। किताब के अनुसार, “सुल्तान शाहरुख के राजदूत अब्दुल रज्जाक अप्रैल 1443 से 5 दिसंबर 1443 तक देवराज द्वितीय के शासनकाल में विजयनगर में रुके थे
पटाखे बनाने में किसका प्रयोग होता है?
इसे सुनेंरोकेंपटाख़ों का आविष्कार चीन में हुआ। इसमें अधिकतर कम-ज्वलनक बारूद प्रयोग में लाया जाता है। पटाखे बनाने में प्रयोगित मुख्य रसायन कृषि में प्रयोग किये जाने वाले रसायन होते हैं, जैसे कि कलमी शोरा (पोटैशियम नाइट्रेट) व गंधक (सल्फ़र) कोयला प्रयोग किया जाता है।
पटाखे बनाने में किसका प्रयोग किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंपटाखे बनाने में प्रयोगित मुख्य रसायन कृषि में प्रयोग किये जाने वाले रसायन होते हैं, जैसे कि कलमी शोरा (पोटैशियम नाइट्रेट) व गंधक (सल्फ़र) कोयला प्रयोग किया जाता है। यह बड़ी ही आसानी से किसी भी खेती-बाड़ी की दुकान से प्राप्त हो जाते है।