मिर्गी बीमारी कैसे ठीक होता है?
इसे सुनेंरोकेंऐसे में मिर्गी के रोग से पीड़ित व्यक्ति को ऐसी जगह से दूर रहना चाहिए जहां काम का प्रेशर अधिक होता है। इसके अलावा रिलेक्स करने के लिए आराम करना चाहिए। इससे मांसपेशियों को भी आराम मिलता है और मिर्गी का दौरा पड़ने के चांस कम हो जाते हैं। इसके अलावा आप लोग मेडिटेशन, योग, कर सकते हैं
दौरा आने पर क्या करे?
मिर्गी के रोगी के साथ उनके परिवार जनों को भी रखना होगा इन बातों का ध्यान
- रोगी को अकेला कभी न छोड़ें।
- दौरा आने पर नाक पर दवा का स्प्रे करें।
- रोगी नियमित दवा का सेवन करें।
- रोगी तालाब-नदी, होदी में नहीं नहाएं।
- बहुत ज्यादा शोर वाली जगह पर जाना अवॉयड करें।
- रोगी का आत्मविश्वास बढ़ाते रहें।
मिर्गी आने का क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंकई बार ब्लड में ऑक्सीजन की कमी के कारण दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. ऐसी कंडीशन में मिर्गी का खतरा बढ़ सकता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर या दिमाग में फोड़ा, डेमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियों की वजह से भी मिर्गी का दौर पड़ सकता है
मिर्गी के रोगी को क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंनारियल तेल से बनाया गया भोजन खाने से मिर्गी के मरीज को मस्तिष्क में ऊर्जा मिलती है, जिससे दौरे आना कम हो जाते हैं. अल्जाइमर के मरीजों के लिए फायदेमंद- अल्जाइमर के मरीजों के लिए नारियल का तेल काफी लाभदायक होता है. नारियल तेल को सैचुरेटेड फैट का मुख्य स्रोत माना गया है
मिर्गी के मरीज को क्या खाना चाहिए?
दौरा कितने प्रकार के होते हैं?
सामान्यतः बच्चों में मिर्गी के दौरे निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:
- सामान्यीकृत तानी अवमोटन मिर्गी (Generalized Tonic Clonic Epilepsy)
- खोयी मिर्गी (Absence Epilepsy)
- पेशी अवमोटनी मिर्गी (Myoclonic Epilepsy)
- आतानी मिर्गी या ड्राप अटैक (Atonic or Drop Attacks)
- सरल आंशिक मिर्गी ( Simple Partial Epilepsy)
मिर्गी आने के क्या लक्षण है?
इसे सुनेंरोकेंदौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर। इन दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे कि बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पांव में झटके आना। मिर्गी किसी एक बीमारी का नाम नहीं है।
मिर्गी का इलाज कितने दिनों तक चलता है?
इसे सुनेंरोकेंअधिकांश व्यक्तियों के लिए मिर्गी रोग आजीवन नहीं रहता परन्तु इसका प्रभाव कुछ सालों तक रहता है। नियमित रूप से इलाज करने से मिर्गी से प्रभावित मरीजों के दौरो को नियंत्रित किया जा सकता है।