किचन का वास्तु दोष कैसे दूर करे?

किचन का वास्तु दोष कैसे दूर करे?

आज जानते हैं वास्तु के अनुरूप घर में रसोईघर कहां रहना चाहिए…

  1. किचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है.
  2. जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए.

किचन का गेट किधर होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकिचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसी दिशा में अग्नि अर्थात ऊर्जा का वास होता है. इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है. स्त्रियों का किचन में अधिकतर समय भी गुजरता है

रसोई घर के वास्तु दोष को कैसे दूर करें?

रसोई घर के वास्तु दोष के उपाय

  1. यदि आपका रसोईघर भवन में अग्निकोण में न होकर किसी ओर दिशा में बना है तो रसोई की दक्षिण दिशा की दीवार पर यज्ञ करते हुए ऋषियों का चित्र लगाएं।
  2. यदि आपकी रसोई आग्नेय दिशा की जगह किसी और दिशा में हो तो आप रसोई घर के आग्नेय कोण में लाल रंग का बल्ब लगा कर उस दोष को दूर कर सकते है ।

रसोई में चूल्हे का मुंह किधर होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकिचन में चूल्हा, बर्नर, स्टोव या ओवन अग्नि कोण या फिर पूर्व दिखा में ही रखना उचित माना जाता है। स्लैब पर सामान इस तरह रखें कि खाना बनाते समय मुंह पूर्व दिशा की ओर हो। वहीं किचन में वॉशबेसिन ईशान कोण में, फ्रिज पश्चिम दिशा में और हीटर आग्नेय कोण में लगाना चाहिए

घर में सीढ़ियां कौन सी दिशा में होनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंवास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं हो

घर का मुख्य दरवाजा किधर होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंघर के मेन डोर की दिशा परमार के मुताबिक, ”घर का मुख्य द्वार हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पश्चिम की ओर होना चाहिए, क्योंकि ये शुभ दिशाएं मानी गई हैं”। दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में मेन गेट नहीं होना चाहिए

कौन से दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंपूरब दिशा में रखें सिर ऐसा इसलिए क्योंकि सूरज पूरब की ओर से निकलता है और हिंदू धर्म में सूर्य को जीवनदाता के रूप में माना गया है. ऐसे में पूरब दिशा में पैर करके सोना शुभ नहीं माना जाता है