क्या बिना किसी माध्यम के ऊष्मा का स्थानांतरण संभव है?

क्या बिना किसी माध्यम के ऊष्मा का स्थानांतरण संभव है?

इसे सुनेंरोकेंऊष्मा स्थानांतरण की इस विधि को संवहन कहते हैं। जैसे प्लास्टिक तथा लकड़ी। कुचालकों को ऊष्मा-रोधी भी कहते हैं। ___ जल तथा वायु ऊष्मा के कुचालक हैं।

तरल पदार्थों में उष्मा संचारण heat Transmission की कौन सी विधि अपनाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंसंवहन (अंग्रेज़ी:Convection) ऊष्मा के स्थानान्तरण या संचरण की एक विधि है किसी तरल पदार्थ (गैस, द्रव या प्लाज्मा) में अणुओं के समग्र स्थानान्तरण द्वारा ऊष्मा का लेन-देन होता है।

तापमापी को जीभ के नीचे क्यों रखा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंबता दें कि पांच साल की उम्र के बाद शरीर के किसी भी भाग में किसी भी तरह के थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर किसी एडल्ट या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे का तापमान माप रहे हैं तो मुंह से तापमान लें. इसके लिए पीछे की तरफ जीभ के नीचे थर्मामीटर रखकर तापमान लेना सटीक माना जाता है

हीट ट्रांसफर कितने प्रकार के होते हैं?

अनुक्रम

  1. 1 संचालन
  2. 2 संवहन
  3. 3 विकिरण 3.1 वस्त्र और भवनों की सतहें तथा विकिरित संचार
  4. 4 भौतिक संचार
  5. 5 न्यूटन का शीतलीकरण का नियम
  6. 6 तापीय सर्किटों के द्वारा एक आयामीय प्रयोग
  7. 7 इंसुलेशन और विकिरक अवरोध
  8. 8 क्रिटिकल इंसुलेशन मोटाई

चालन विधि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपदार्थ के कणों में सीघे संपर्क से ऊष्मा के संचार को चालन कहते हैं। ऊर्जा का संचार प्राथमिक रूप से सुनम्य समाघात द्वारा जैसे द्रवों में या परासरण द्वारा जैसा कि धातुओं में होता है या फोनॉन कंपन द्वारा जैसा कि इंसुलेटरों में होता है, हो सकता है।

ऊष्मा गमन की कौन सी विधि गुरुत्वाकर्षण पर आधारित है?

इसे सुनेंरोकेंन्यूटन का शीतलीकरण का नियम

थर्मामीटर का प्रयोग क्यों करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपारा-अल्कोहल और काँच गौर करने की बात यह है कि गर्म होकर काँच भी फैलता है, मगर काँच में फैलाव बहुत कम होता है जबकि पारे व अल्कोहल में काँच की अपेक्षा बहुत ज़्यादा। इसलिए हम इनका उपयोग कर सकते हैं। पारे का उपयोग करने के पीछे तर्क यही है कि उसमें बराबर ऊष्मा बढ़ाई जाए, तो बराबर प्रसार होगा।

ताप के परम मापक्रम से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउष्मागतिक ताप (Thermodynamic temperature) या परम ताप, ताप का निरपेक्ष माप है। ‘परम शून्य’ (ऐब्सोल्यूट जीरो) न्यूनतम सम्भव ताप है तथा इससे कम कोई ताप संभव नही है। इस ताप पर पदार्थ के अणुओं की गति शून्य हो जाती है। इसका मान -२७३ डिग्री सेन्टीग्रेड होता हैं।

ऊष्मा का रूपांतरण कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंउदाहरण के लिये कोयले में संचित रासायनिक उर्जा को जलाकर उससे उष्मीय उर्जा प्राप्त की जा सकती है। इस उष्मा से पानी को उबालकर वाष्प बनाकर उससे वाष्प टरबाइन चलाकर इसे यांत्रिक उर्जा में बदला जा सकता है। इस टरबाइन से कोई विद्युत जनित्र चलाकर इस यांत्रिक उर्जा को विद्युत उर्जा में बदला जा सकता है।