दक्षिण भारत में व्यापार और शिल्पकारी उत्पादन के प्रमुख केंद्र कौन से हैं?

दक्षिण भारत में व्यापार और शिल्पकारी उत्पादन के प्रमुख केंद्र कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंयहाँ राजमहल तथा कई अन्य व्यापारिक, उत्पादन एवं हस्तशिल्प केंद्र भी थे। यहाँ के मूर्तिकार उत्तम काँस्य की मूर्तियाँ तथा लंबे, सुंदर घंटा-धातु के दीप बनाते थे। बीदर बरार बंबई. लक्षद्वीप मदुरै तंजावूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह’.

अरब के व्यापारियों ने यूरोपीय व्यापारियों को क्या माल बेचा?

इसे सुनेंरोकेंउनसे व्यापार में बहुत लाभ होता था। उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाए जाने वाले मसाले (कालीमिर्च, दालचीनी, जायफल, सोंठ आदि) यूरोपीय व्यंजनों के महत्त्वपूर्ण अंग बन गए थे और भारतीय सूती कपड़ा बहुत लुभावना होता था। ये चीजें ही यूरोपीय व्यापारियों को भारत तक खींच लाईं।

बीकानेर का फेमस क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकरण महल, अनूप महल, चंद्र महल और फूल महल यहाँ के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं। यह माना जाता है कि प्रभावशाली किले के आसपास की नहर में मगरमच्छों को पाला गया था। वास्तुकला मुगल, गुजराती और राजपूत शैली का एक अच्छा मिश्रण है और इस जगह को विशेष रूप से बीकानेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है।

कौन सा स्थान घोड़ों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था?

इसे सुनेंरोकेंबदले में व्यापारी रामपुर से नमक, गुड़ और अन्य राशन लेकर लेकर जाते थे। यह नमक मंडी जिले के गुम्मा से लाया जाता था। लवी मेले में चामुर्थी घोड़ों का भी कारोबार किया जाता था। ये घोड़े उत्तराखंड से लाए जाते थे।

यूरोपीय कंपनियों के लिए प्रमुख व्यापारिक वस्तुएं कौन सी थी?

इसे सुनेंरोकें17 वीं शताब्दी में डच व्यापारिक शक्ति चरम पर थी। डच लोग भारत से सूती वस्त्र, अफीम, रेशम तथा मसालों आदि महत्वपूर्ण वस्तुओं का निर्यात करते थे।

बीकानेर में कौन सा मेला लगता है?

इसे सुनेंरोकेंबीकानेर में लगता है विश्व प्रसिद्ध ऊंट मेला. इस दौरान राजस्थान की संस्कृति से सजे यहां के नजारे देश-विदेश के सैलानियों को खूब लुभाते हैं.

महाराणा प्रताप के घोड़े का वजन कितना था?

इसे सुनेंरोकेंखुद महाराणा का वजन 110 किलो और हाईट 7 फीट 5 इंच थी। भारीभरकम महाराणा प्रताप के साथ 208 किलो का अतिरिक्त भार लेकर चेतक रण भूमि में हवा से बातें करता था। इतना वजन लेकर चेतक ( chetak ) 26 फीट नाले को लांघ गया था और मुगल सेना ये चमत्कार देखती रह गई थी।

ज्वारीय पत्तन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंज्वारीय धाराः समुद्र के तटीय भागों में अथवा मुहाने पर ज्वार-भाट से प्रतिफलित जल- धारा। ज्वार अथवा भाटे के समय किसी खाड़ी, ऐस्चुअरी, बंदरगाह अथवा जलसंयोजी के अंदर या बाहर ज्वारीय जल की गति। ऐसी धाराएँ ज्वारीय ऐस्चुअरी पर स्थित समुद्र पत्तन के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होती है।

विजयनगर का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविजयनगर साम्राज्य (1336-1646) मध्यकालीन का एक साम्राज्य था। इसके राजाओं ने 310 वर्ष तक राज किया। इसका वास्तविक नाम कर्नाटक साम्राज्य था। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी।

दक्षिण भारत के लोगों का प्रमुख व्यवसाय क्या है?

भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह पहचान बना चुका है।।…

दक्षिण भारत
जनसंख्या घनत्व 397 प्रति वर्ग किमी (1,029 प्रति वर्ग मील)
राज्य कर्नाटक तमिलनाडु तेलंगाना केरल आन्ध्र प्रदेश

सिकन्दर के घोड़े का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंसिकंदर का प्रिय घोड़ा ब्यूसेफ़ेलस था । इसी के नाम पर इसने झेलम नदी के तट पर ब्यूसेफ़ेला नाम से एक नगर बसाया था ।

आयंगर व्यवस्था के विषय में आप क्या जानते हैं?

इसे सुनेंरोकेंआयंगर व्यवस्था – विजयनगर काल में ग्रामीण प्रशासन की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता आयंगर व्यवस्था थी । इस व्यवस्था के अनुसार एक स्वतंत्र इकाई के रूप में प्रत्येक ग्राम को संगठित किया जाता था जिस पर शासन के लिए बारह शासकीय व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता था । इस बारह शासकीय अधिकारियों के समूह को ‘आयंगर’ कहा जाता था ।

विजयनगर का पुराना नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहम्पी (हस्तिनावती) विजयनगर की पुरानी राजधानी का प्रतिनिधित्व करता है। विजयनगर का वर्तमान नाम हम्पी (हस्तिनावती) है।