जेंडर समानता के लिए मुख्य अधिकार कौन कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकेंजेंडर समानता का सिद्धान्त संविधान के Preamble में मौलिक अधिकार के रूप में जो कानून के संमुख समानता और कानून के संमुख समान सुरक्षा प्रदान करता है (अनुच्छेद 14), लैंगिक आधार पर भेदभाव पर रोक (अनुच्छेद 15 (1), सरकारी सेवाओं में समानता (अनुच्छेद 16), राज्य को महिलाओं के लिए विषेष प्रावधान बनाने के लिए सक्षम करके मजबूती से …
लैंगिक संवेदीकरण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसमाज में लड़कियों और बाद में महिलाओं की भूमिका पर विचार करें तो उनके परिवार और दूसरे परिवार में भिन्नता होती है इसलिए बच्चों में अपने विपरीत लिंग के बारे में अलग-अलग विचार होते हैं। वह मुख्य रूप से उन परिवारों के प्रचलनों से प्रभावित होते हैं जहाँ से स्त्री या पुरूष आते हैं। इस जगह पर औपचारिकता की कमी ही समस्या है।
लिंग समानता पाठ्यक्रम से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंविश्व के विकसित देशों मे लिंगीय समानता जहां वास्तविकता का आकार ले रही है। विकासशील एवं अविकसित देशों में भी यह कोरे आदर्श के रूप में ही स्वीकार है और अभी पुरुषों की बराबरी करने में महिलाओं को काफी समय लगेगा। समाज में महिला व पुरुष को अलग ही नहीं देखा जाता बल्कि असमानता का व्यवहार किया जाता है।
लिंग समानता से आप क्या समझते है समाज में लिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए विद्यालय क्या भूमिका निभाता है?
इसे सुनेंरोकेंजेंडर समानता स्थापित करने की दृष्टि से विद्यालय की भूमिका अतिमहत्त्वपूर्ण है। सहशिक्षा वाले विद्यालयों में शिक्षकों तथा अन्य शालेय स्टाफ द्वारा बालक– बालिकाओं की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है तथा ऐसे प्रयास किये जाते हैं कि बालक बालिकाओं के साथ समानता के व्यवहार करने हेतु प्रेरित हों ।
क्या पुरुष और महिला के मस्तिष्क में जेंडर समानता होती है?
इसे सुनेंरोकेंजेफ्री क्लूगर. संज्ञान और न्यूरोलॉजी पर रिसर्च करने वाली जीना रिपन मानती हैं कि पुरुषों और महिलाओं के दिमाग की क्षमता अलगअलग नहीं होती है। जीना ब्रिटेन की एस्टन यूनिवर्सिटी, बर्मिंघम के एस्टन ब्रेन सेंटर में प्रोफेसर हैं।
जेंडर संवेदनशीलता को कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं?
इसे सुनेंरोकेंजेंडर समानता के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों को जेंडर संवेदीकरण की प्रक्रिया से जोड़ना महत्वपूर्ण होगा. यह सुझाव सबसे अहम है. कड़ी कानून व्यवस्था या काम और पढ़ने की जगहों पर सुरक्षित वातावरण देने मात्र से महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों की पूरी तरह से रोकथाम नहीं हो सकती.
जेंडर समानता लाने के लिए आप क्या प्रयास करेंगे?
इसे सुनेंरोकेंभारत में लैंगिक समानता को फैलाने में स्कूली शिक्षा और सामाजिक संस्कृति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यौन शिक्षा, जागरूकता अभियान, कन्या भ्रूण हत्या का पूर्ण उन्मूलन, दहेज और जल्दी विवाह के विषाक्त प्रभाव, सभी को छात्रों को सिखाया जाना चाहिए।
एक शिक्षक के रूप में आप अपने छात्रों में लिंग अवन लेंगे की धारणा उनको करने की क्षमता कैसे विकसित करेंगे?
इसे सुनेंरोकेंशिक्षक / शिक्षिका लड़के एवं लड़कियों के मध्य स्वथ्य अंतःक्रिया को प्रोत्साहित करें । विद्यार्थियों को समूह आधिन्यास दिया जाए तथा लड़के एवं लड़कियों को समूह में कार्य करने के लिए प्रेरित करें । कक्षा में कार्यों का बँटवारा लड़के एवं लड़कियों के मध्य समान रूप से होना चाहिए।
जेंडर भेदभाव क्या है?
इसे सुनेंरोकेंलैंगिक भेदभाव से आशय लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव से है, जहां स्त्रियों को पुरुषों के समान अवसर नहीं मिलता है और न ही समान व्यवहार। स्त्रियों को एक कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता है और उसे शोषित और अपमानित किया जाता है।
जेंडर पक्षपात को कैसे दूर किया जा सकता है?
आगे की राह
- लैंगिक समानता के उद्देश्य को हासिल करना जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन और कार्यालयों में कुछ पोस्टर चिपकाने तक ही सीमित नहीं है।
- लैंगिक समानता का सूत्र श्रम सुधारों और सामाजिक सुरक्षा कानूनों से भी जुड़ा है, फिर चाहे कामकाजी महिलाओं के लिये समान वेतन सुनिश्चित करना हो या सुरक्षित नौकरी की गारंटी देना।