स्कूल के वैकल्पिक रूपों को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है?

स्कूल के वैकल्पिक रूपों को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंमाध्यमिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपायों में एक उपाय यह है कि अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्तियों के माध्यम से छात्र-शिक्षक अनुपातों को बढ़ाया जाए जिससे कक्षा-कक्ष के पारस्परिक कार्यव्यवहार और वातावरण में सुधार हो सके। इसके अलावा, विज्ञान, गणित और अंग्रेजी के शिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

किसी समस्या पर प्रश्नों का निर्माण कैसे करेंगे?

  1. 1 प्रश्न पूछना और सोचना ऐसे प्रश्न पूछना महत्वपूर्ण है जिससे विद्यार्थी सिद्धान्त और अपने अनुभव को जोड़ते हुए खोज कर सके और स्वयं अपेक्षित हल को निकाल कर बल विषय में गहन समझ विकसित कर सकें।
  2. 2 प्रश्नों को पूछने के तरीके
  3. 3 खुले सिरे वाली गतिविधियों का उपयोग करना
  4. 4 सारांश

आपको क्या लगता है पाठ्यपुस्तक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपाठ्यपुस्तक textbook का अर्थ हैं – पाठ्य+पुस्तक अर्थात पाठ से संबंधित जो पुस्तकें होती हैं उन्हें पाठ्यपुस्तक कहते हैं। यह अध्यापक का मार्गदर्शन करने का कार्य करती है और इसके द्वारा छात्रों में स्वाध्याय प्रणाली का विकास होता हैं। पाठ्यपुस्तक के द्वारा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने का कार्य किया जाता हैं।

गैर वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएक नि: शुल्क स्कूल एक गैर-लाभकारी समूह (या स्वतंत्र विद्यालय) है जो बच्चों की देखभाल और शिक्षा में माहिर है जो मानक स्कूलों में जाने से मना करते हैं। पहला लोकतांत्रिक स्कूल 1985 में स्कूल के माहौल से बचने वाले बच्चों के लिए एक आश्रय के रूप में स्थापित किया गया था, और ऐसे कई अन्य स्कूलों की स्थापना की गई है।

पाठ्यक्रम की समस्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपाठ्यक्रम की समस्या परीक्षा एवं मूल्यांकन से घनिष्ठ रूप से जुड़ी होती है। शैक्षिक व्यवस्था में पाठ्यक्रम के उद्देश्यों, शिक्षण की विधियाँ पाठ्यक्रम के विषय तथा उन उद्देश्यों का मूल्यांकन एकल शैक्षिक प्रक्रिया का रूप माना जाता है। इसलिए यह समस्या सभी स्तर के छात्रों के सामने आती है

पाठ्य पुस्तक क्या है एक अच्छे पाठ्यपुस्तक के गुण बताइए?

अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषताएं (acchi pathya pustak ki visheshta)

  1. विषय-वस्तु का संगणन तार्किक तथा मनोवैज्ञानिक हो।
  2. विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण बालकों के मानसिक स्तर के अनुरूप हो।
  3. व्याख्या स्पष्टीकरण, उदाहरणों की मदद से विषय का सरलीकरण हो।
  4. भाषा-शैली में सरलता, स्पष्टता, मौलिकता तथा प्रवाहशीलता हो।

पाठ्य पुस्तक से आप क्या समझते हैं पाठ्यपुस्तक के महत्व का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंपाठ्य-पुस्तकं शिक्षक को कक्षा-स्तर के अनुसार शिक्षण कार्य करने का बोध कराती हैं। पाठ्य-पुस्तक-में विषय-वस्तु को तार्किक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है. जिससे छात्रों के लिए विषय-वस्तु सरल एवं सुगम हो जाती है। पाठ्य-पुस्तक कक्षा-शिक्षण की अनेक कमियों को भी दूर करती है।