मोर का पंख घर में रखने से क्या फायदा?

मोर का पंख घर में रखने से क्या फायदा?

इसे सुनेंरोकेंज्योतिष के अनुसार, घर के प्रवेश द्वार पर मोर पंख लगाने से घर के अंदर किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर सकती हैं. इससे घर का वास्तु दोष भी ठीक रहता है. प्राचीन काल में मोर के पंख का उपयोग शरीर के जहर निकालने के लिए दवाई के रूप में भी किया जाता था.

मोर के पंजे से कौन सी दवाई बनती है?

इसे सुनेंरोकेंनई पत्तियों की बीच वाली नसे मोटी हो जाती है और रंग गहरा और हरा हो जाता है। किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि रोग ग्रस्त कपास की टहनियों को तीन-चार इंच नीचे से काटकर खेत से बाहर दबा दें व एक किलोग्राम जिंक सल्फेट, पांच किलोग्राम यूरिया और दो सौ लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें।

मोर पंख कौन से दिन लगाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंमोर पंख प्रेम का भी प्रतीक है इसलिए बेडरूम में भी मोरपंख लगाना फायदेमंद माना जाता है. वास्तु शास्त्र की मानें तो बेडरूम में 2 मोर पंख एक साथ लगाने से पति पत्नि के बीच आपसी तालमेल और प्यार बना रहता है. 5. भगवान कृष्ण की प्रिय बांसुरी के साथ अगर मोर के पंख को रखा जाए तो इससे भी घर का वास्तु दोष दूर होता है.

बेडरूम में मोर पंख लगाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें4. मोर पंख प्रेम का भी प्रतीक है इसलिए बेडरूम में भी मोरपंख लगाना फायदेमंद माना जाता है. वास्तु शास्त्र की मानें तो बेडरूम में 2 मोर पंख एक साथ लगाने से पति पत्नि के बीच आपसी तालमेल और प्यार बना रहता है. भगवान कृष्ण की प्रिय बांसुरी के साथ अगर मोर के पंख को रखा जाए तो इससे भी घर का वास्तु दोष दूर होता है.

मोर पंख से छिपकली क्यों डरती है?

इसे सुनेंरोकेंक्योंकि मोर छिपकली को खा जाता है और मोरपंख की बनावट आंख जैसी होती है जिससे वह डर जाती है। छिपकली मोरपंख से डरती है।

मोर मोरनी गर्भवती कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश शर्मा ने कल अपने कार्यक्राल के आखिरी दिन एक अहम मसले पर सुनाई के दौरान कहा कि मोर एक ब्रह्मचारी पक्षी है, इसीलिए उसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है. मोरनी मोर के आंसू को पीकर गर्भ धारण करती है.

नीलकंठ के पंख कैसे दिखते हैं?

इसे सुनेंरोकेंनीलकंठ जब साँप के दो खंड कर चुका, तब उस शिशु खरगोश के पास गया और रातभर उसे पंखों के नीचे रखे उष्णता देता रहा। वह नृत्यमग्न नीलकंठ की दाहिनी ओर के पंख को छूती हुई बाईं ओर निकल आती थी और बाएँ पंख को स्पर्श कर दाहिनी ओर।

मोर कहाँ पाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंमोर भारत तथा श्रीलंका में बहुतायत में पाया जाता है। मोर मूलतः वन्य पक्षी है, लेकिन भोजन की तलाश इसे कई बार मानव आबादी तक ले आती है। मोर प्रारम्भ से ही मनुष्य के आकर्षण का केन्द्र रहा है। अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को उच्च कोटी का दर्जा दिया गया है।