रामेश्वरम में क्या प्रसिद्ध है?
10 रामेश्वरम दर्शनीय स्थल
- श्री रामनाथस्वामी मंदिर रामेश्वरम तीर्थ दर्शनीय स्थल द्रविड़ वास्तुकला व आध्यात्मिक विशेषता का संगम है, इस मंदिर को और अधिक पावन बना देता है।
- गंधमधन पर्वथम
- अरियमन बीच
- रेशम (सिल्क) की खरीदारी
- 6. सी वर्ल्ड एक्वेरियम
- कोथानदरामस्वामी मंदिर
- अब्दुल कलाम हाऊस
- एडम ब्रिज
रामेश्वर का मंदिर अपनी कौन सी अद्भुत कला के लिए प्रसिद्ध है?
इसे सुनेंरोकेंरामेश्वरम मंदिर की आर्कषक बनावट – Rameshwaram Temple Architecture. हिन्दू धर्म के प्रमुख पवित्र तीर्थ धामों में से एक रामेश्वम मंदिर अपनी भव्यता एवं आर्कषक बनावट के लिए भी जाना जाता है। यह भारतीय निर्माण कला का बेहद आर्कषक और खूबसूरत नमूना है।
रामेश्वरम कब जाएं?
इसे सुनेंरोकेंलेकिन चूंकि यहां औसतन बारिश होती है लिहाजा आप चाहें तो बारिश के मौसम में भी रामेश्वरम जा सकते हैं। हालांकि सर्दियों का मौसम रामेश्वरम जाने का बेस्ट टाइम है। आप चाहें तो अक्टूबर से मार्च महीने के बीच रामेश्वरम जाने का प्लान बना सकते हैं।
रामेश्वरम में क्या देखें?
इसे सुनेंरोकेंरामेश्वरम का सबसे आकर्षक जगह कोथंदरामास्वामी मंदिर – Kothandaramaswamy Temple. रामेश्वरम में लोकप्रिय आकर्षणों में से कोथंदरामास्वामी भी शामिल है जो मुख्य रूप से भगवान राम को समर्पित है। कोथंदरामास्वामी मंदिर रामेश्वरम से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और चारों तरफ हिंद महासागर से घेरा हुआ है।
कन्याकुमारी में क्या प्रसिद्ध है?
कन्याकुमारी के दर्शनीय स्थल
- स्वामी विवेकानंद स्मारक
- तीरूवल्लवर प्रतिमा
- कन्याकुमारी मंदिर
- गांधी स्मारक
- उदयगिरी किला
- नागरकोइल
- सुचिंद्रम
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दिल्ली से रामेश्वरम के लिए कौन सी ट्रेन जाती है?
इसे सुनेंरोकें00407 – Rameswaram – Delhi Safdarjung Special, सप्ताह के 1 दिन RMM (धनुषकोडी) से DSJ (दिल्ली सफदरजंग) तक चलती है। 00407 mail express ट्रेन, धनुषकोडी से 01:00 बजे निकलती है और 08:30 बजे दिल्ली सफदरजंग पहुँचती है। 00407 ट्रेन, कुल 67hr 30min में यह सफ़र तय करती है एवं यात्रा के दौरान 7 स्टेशनों पर रुकती है।
रामेश्वर मंदिर के अंदर कितने तीर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंरामेश्वरम मंदिर के अंदर 22 तीर्थ हैं, जो अपने आप में प्रसिद्ध हैं। मंदिर के पहले और सबसे मुख्य तीर्थ को अग्नि तीर्थं नाम से जाना जाता है।
धनुषकोटि क्यों प्रसिद्ध है?
इसे सुनेंरोकेंहिन्दू धर्मग्रथों के अनुसार रावण के भाई और भगवान श्रीराम के सहयोगी विभीषण के अनुरोध पर राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया और इस प्रकार इसका नाम धनुषकोडी पड़ा। यह भी कहा जाता है कि राम ने अपने प्रसिद्ध धनुष के एक छोर से सेतु के लिए इस स्थान को चिह्नित किया।
कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन रात की अवधि में अंतर क्यों है?
इसे सुनेंरोकेंकन्याकुमारी भारत का अक्षांशीय विस्तार के दक्षिणी छोर (8°4′ उत्तरी अक्षांश) और कश्मीर भारत का अक्षांशीय विस्तार के उत्तरी छोर (37°6′ उत्तरी अक्षांश) पर स्थित है। भारत का अक्षांशीय विस्तार लगभग 30° है जिसका प्रभाव दिन-रात की अवधि पर पड़ता है। इसलिए कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन-रात की अवधि में अंतर है।