ऋणपत्र का अर्थ क्या है?
इसे सुनेंरोकेंऋणपत्र या डिबेंचर एक तरह का प्रमान पत्र है जो जानकारी देता है कि कंपनी निवेशक को एक निश्चित राशि देगी। इस भुगतान में मूल राशि पर ब्याज और मैच्योरिटी होने पर पूंजी मिलती है। क्यूमुलेटिव विकल्प में मैच्योरिटी के बाद ब्याज दर और प्रिंसिपल अमाउंट मिलता है। इससे पहले कोई भुगतान नहीं मिलती।
सार्वजनिक ऋण की अर्थव्यवस्था में क्या भूमिका है?
इसे सुनेंरोकेंसार्वजनिक ऋण भारत सरकार द्वारा लिये गए समस्त उधारी को प्रदर्शित करता है। सरकार द्वारा ये ऋण सामान्य तौर विकासात्मक गतिविधियों को पूरा करने के लिये, बज़ट घाटे को पूरा करने के लिये और युद्ध जैसे असाधारण स्थितियों से निपटने के लिये आम जनता से लिये जाते हैं।
ऋणपत्र कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकें1. भुगतान की दृष्टि से ऋणपत्र- शोध्य या प्रतिदेय ऋणपत्र से आशय ऐसे ऋणपत्र से है, जिनका भुगतान एक पूर्व निश्चित तिथि को या एक निश्चित अवधि की समाप्ति के बाद कर दिया जाता है। 2. अशोध्य या अप्रतिदेय ऋणपत्र- ऐसे ऋणपत्र, जिनका भुगतान कम्पनी के समापन पर ही किया जाता है, अशोध्य या अप्रतिदेय ऋणपत्र कहे जाते हैं।
डिबेंचर कितने प्रकार के होते हैं?
दो प्रकार के डिबेंचर मौजूद हैं:
- परिवर्तनीय डिबेंचर, जो परिवर्तनीय बांड या ऐसे बांड हैं, जिन्हें पूर्व निर्धारित अवधि के बाद जारीकर्ता कंपनी के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर सकते हैं।
- अपरिवर्तनीय डिबेंचर, जो केवल नियमित डिबेंचर हैं, उत्तरदायी कंपनी के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित नहीं किए जा सकते हैं।
सरकार द्वारा लिए गए ऋण को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंराजकीय ऋण (अंग्रेज़ी: Government debt) (जो लोक ऋण, राष्ट्रीय ऋण और संप्रभु ऋण के रूप में भी जाना जाता हैं) वह ऋण हैं जो किसी केंद्र सरकार द्वारा बकाया हैं। इसके लिए सरकार को कई साधनों से धन प्राप्त करना अर्थात् ऋण लेना पड़ता है। सरकार द्वारा लिये गये इस ऋण को ही सार्वजनिक ऋण (public debt) कहा जाता है।
सार्वजनिक ऋण क्या है pdf?
इसे सुनेंरोकेंइस तरह सार्वजनिक ऋण का अर्थ सरकार द्वारा लिए जाने वाले ऋण से है। सरकार द्वारा अपने देश के अन्दर तथा दूसरे देशों से लिये गये ऋण को लोक या सार्वजनिक ऋण कहते हैं। सार्वजनिक ऋण या तो आन्तरिक हो सकता है अथवा विदेशी सरकारों या अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से लिया जा सकता है।