ढक्कन ट्रेड का निर्माण कैसे हुआ है?
इसे सुनेंरोकेंदक्कन उद्भेदन अथवा दकन ट्रैप भारत के पश्चिमी हिस्से में एक प्रदेश है जहाँ की भूवैज्ञानिक संरचना क्रीटाशियस युग के ज्वालामुखी उद्भेदन के दौरान बनी बेसाल्ट चट्टानेें है और इस इलाके में बेसाल्ट के ऊपर बनी काली रेगुर मिट्टी पायी जाती है।
इसे सुनेंरोकेंदक्कन का अर्थ ‘दक्षिणी’ होता है । विन्ध्याचल के दक्षिण में स्थित होने के कारण इसे दक्कन ट्रैप कहा गया। अपक्षय एवं अपरदन के फलस्वरूप महाराष्ट्र के बेसाल्ट पर काली मिट्टी का निर्माण हुआ, जिसमें लौहांश एवं अन्य खनिजों की प्रचुरता पायी जाती है, जिस पर कपास की अच्छी पैदावार होती है।
दक्कन क्या है इन हिंदी?
इसे सुनेंरोकेंदक्कन शब्द संस्कृत के शब्द दक्षिण का अंग्रेजी अपभ्रंश शब्द डक्कन का हिन्दीकरण है। यह भारत भू भाग का सबसे विशाल खंड है! दक्कन का पठार सतपुड़ा, महादेव तथा मैकाल श्रृंखला से लेकर नीलगिरी पर्वत के बीच अवस्थित है । इसकी औसत ऊँचाई 300-900 मी.
दक्कन का पठार कौन से राज्य में है?
इसे सुनेंरोकेंदक्कन का पठार देश के अधिकांश दक्षिणी भाग को शामिल करता है। यह तीन पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है और आठ भारतीय राज्यों में फैला हुआ है। इसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से भी शामिल हैं।
दक्कन क्षेत्र में कौन सी मृदा पाई जाती है?
इसे सुनेंरोकेंलैटेराइट मिटी दक्कन के पठार पर पायी जाने वाली मिटटी है।
दक्कन के पठार में काली मिट्टी का निर्माण कैसे हुआ?
इसे सुनेंरोकें– काली मिट्टी को लावा मिट्टी भी कहते हैं क्योंकि यह दक्कन ट्रैप के लावा चट्टानों की अपक्षय अर्थात टूटने फूटने से निर्मित हुई मिट्टी है। – दक्कन पठार के अलावा काली मिट्टी मालवा पठार की भी विशेषता है अर्थात मालवा पठार पर भी काली मिट्टी पाई जाती है। – काली मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार महाराष्ट्र राज्य में है।
दक्कन का पठार कितने राज्यों में है?
दक्कन ट्रैप के निर्माण के दौरान भारतीय स्थल खंड की स्थिति क्या थी?
इसे सुनेंरोकें(iv) दक्कन ट्रेप के निर्माण के दौरान भारतीय स्थलखंड की स्थिति क्या थी? उत्तर- आज से 14 करोड़ वर्ष पहले भारतीय प्लेट सुदूर दक्षिण में 50° दक्षिणी अक्षांश पर स्थित था। भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट को टेथिस सागर अलग करता था और तिब्बतीय खंड, एशियाई स्थलखंड के करीब था।
दक्कन का पठार निम्न में से किसका उदाहरण है?
इसे सुनेंरोकेंदक्कन का पठार जिसे विशाल प्रायद्वीपीय पठार के नाम से भी जाना जाता है, भारत का विशालतम पठार है। दक्षिण भारत का मुख्य भू भाग इस ही पठार पर स्थित है। यह पठार त्रिभुजाकार है। इसकी उत्तर की सीमा सतपुड़ा और विन्ध्याचल पर्वत शृंखला द्वारा और पूर्व और पश्चिम की सीमा क्रमशः पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट द्वारा निर्धारित होती है।
दक्कन का पठार कौन से राज्य में स्थित है?
इसे सुनेंरोकेंदक्कन मध्य भारत में स्थित एक प्रायद्वीपीय पठार है जिसमें आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के अंतर्देशीय खंड शामिल हैं। इस परिभाषा के अनुसार, दक्कन का पठार मध्य और दक्षिणी भारत का अधिकांश भाग बनाता है।