भारतीय पूंजी बाजार क्या है?

भारतीय पूंजी बाजार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपूंजी बाजार भारतीय वित्‍तीय प्रणाली का सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण खण्‍ड है। यह कंपनियों को उपलब्‍ध एक ऐसा बाजार है जो उनकी दीर्घावधिक निधियों की जरुरतों को पूरा करता है। यह निधियां उधार लेने और उधार देने की सभी सुविधाओं और संस्‍थागत व्‍यवस्‍थाओं से संबंधित है।

पूंजी बाजार कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअब यह दो मुख्य प्रकार के पूंजी बाजारों का पता लगाने का समय है – प्राथमिक और द्वितीयक। सबसे आम पूंजी बाजार शेयर बाजार और बांड बाजार हैं।

पूंजी बाजार से आप क्या समझते हैं पूंजी बाजार के महत्व की व्याख्या करें?

इसे सुनेंरोकेंपूँजी बाजार से आशय- पूँजी बाजार से आशय उस बाजार से है जो दीर्घकालीन ऋणों का लेन-देन करता है। यह उद्योगों को कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराता है एवं केन्द्र, राज्य तथा स्थानीय सरकारों को मध्यम अवधि को क दीर्घकालीन अवधि के ऋणों के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

पूंजी बाजार से आप क्या समझते हैं पूंजी बाजार के महत्व को स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंपूंजी बाजार की विशेषता | punji bajar ki vhishestayen 1. पूंजी बाजार निगमों और सरकारी ब्रांड प्रतिभूतियों आदि में लेन-देन करता है। 2. पूंजी बाजार में कार्य करने वाले व्यक्ति, व्यापारिक बैंक, वाणिज्य बैंक, बीमा कंपनियां और औद्योगिक बैंक, औद्योगिक वित्त निगम, यूनिट ट्रस्ट, निवेश ट्रस्ट, भवन समिति आदि प्रमुख होते हैं।

प्राथमिक बाजार के घटक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्राथमिक बाजार को न्यू इश्यू मार्केट के रूप में भी जाना जाता है। इसका उपयोग नई और मौजूदा दोनों कंपनियों द्वारा किया जाता है। कंपनी लॉन्ग टर्म फंड इकट्ठा करने के लिए नए शेयर और डिबेंचर जारी करती है। नए शेयरों और डिबेंचर के खरीदार व्यवसायी, कंपनी के ग्राहक, कंपनी के कर्मचारी, मौजूदा शेयरधारकों, आदि हो सकते हैं।

पूंजी बाजार क्या है इसकी किन्हीं पांच विशेषताओं के बारे में बताएं?

मुद्रा बाजार क्या है यह पूंजी बाजार से किस प्रकार भिन्न है?

इसे सुनेंरोकेंपूँजी बाजार एवं मुद्रा बाजार के बीच में प्रमुख भिन्नता यह है कि मुद्रा बाजार एक अल्पावधि की वित्तीय व्यवस्था वाला बाजार है जबकि पूंजी बाजार में मध्यम तथा दीर्घकाल के कोषों का आदान प्रदान किया जाता है।

प्राथमिक पूँजी बाजार क्या है इसकी किन्हीं तीन विशेषताओं को बताइए?