भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन कब शुरू हुआ?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885 ई.) एलन ऑक्टोवियन ह्युम नामक एक अवकाश प्राप्त ब्रिटिश अधिकारी ने भारतीय नेताओं के सहयोग से 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई मेँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की।
राष्ट्रवादी आंदोलन कब हुआ?
इसे सुनेंरोकें1. राष्ट्रवादी आंदोलन का परिचय (1905-18): धीरे-धीरे, देश में उग्रवादी राष्ट्रवाद (जिसे अतिवाद के रूप में भी जाना जाता है) का चलन बढ़ रहा है। इसने 1905 में बंगाल के विभाजन के खिलाफ आंदोलन में अभिव्यक्ति पाई।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंIndependence Day 2021: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन भारत के लोगों के हित से संबंधित जन आंदोलन था जो पूरे देश में फैल गया था। देश भर में कई बड़े और छोटे विद्रोह हुए थे और कई क्रांतिकारियों ने ब्रिटिशों को बल से या अहिंसक उपायों से देश से बाहर करने के लिए मिल कर लड़ाई लड़ी और देश भर में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का उदय कौन सी सदी में हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंप्रथम चरण (1885-1905 ई. इस काल में ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना हुई, किंतु इस समय तक इसका लक्ष्य पूरी तरह से अस्पष्ट था। उस समय इस आन्दोलन का प्रतिनिधित्व अल्प शिक्षित, बुद्धिजीवी मध्यम वर्गीय लोग कर रहे थे।
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के 1885 से 1905 की अवधि को क्या कहा जाता है?
इसे सुनेंरोकें1885-1905 (कुछ मामलों में 1885-1907) की अवधि को भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के पहले या शुरुआती चरण के रूप में माना जाता है; इसे मध्यम चरण के रूप में भी जाना जाता है। इस चरण में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का नेतृत्व शुरुआती राजनीतिक नेताओं ने किया था, जिन्हें प्रारंभिक राष्ट्रवादी भी कहा जाता था।
राष्ट्रीय आंदोलन के जनक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंजागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मंगल पांडे आजादी के आंदोलन में शहीद होने वाले पहले सेनानी थे। उन्हें प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन का जनक भी कहा जाता है।
भारत में राष्ट्रवाद कब और कैसे विकसित हुआ?
इसे सुनेंरोकें19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारतीयों में राष्ट्रीय राजनीतिक चेतना का विकास बहुत तीव्र गति से हुआ. फलस्वरूप भारत में एक संगठित राष्ट्रीय आन्दोलन का सूत्रपात हुआ. भारतीय राष्ट्रवाद कुछ सीमा तक उपनिवेशवादी नीतियों तथा उन नीतियों से उत्पन्न भारतीय प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप ही उभरा था.
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से आप क्या समझते हैं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में उदारवादी युग की विवेचना कीजिए?
इसे सुनेंरोकें1885-1905 तक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अर्थात् कांग्रेस पर पूरी तरह से उदारवादियों का प्रभाव रहा. इस काल में कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले नेता ब्रिटिश उदारवाद से प्रभावित थे.
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन क्या है भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के उदय के कारणों पर चर्चा करें?
इसे सुनेंरोकेंभारतीयों में देशभक्ति की भावना को जाग्रत करने और अपने देश के प्रति प्रेम की भावना उत्पन्न करने में बंकिमचंद्र की आनंदमठ एवं उनका गीत वन्दे मातरम् अत्यधिक प्रचलित हुआ था। अतः अंग्रेजों के भारतीयों पर किए गए अमानवीय व असामाजिक कारण ही भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का कारण बने।
भारत में कुल कितने आंदोलन हुए थे?
इसे सुनेंरोकेंइनमें नील आंदोलन, पाबना आंदोलन, दक्कन विद्रोह, किसान सभा आंदोलन, एका आंदोलन, मोपला विद्रोह, बारदोली सत्याग्रह, तेभाग आंदोलन, तेलंगाना आंदोलन आदि।
बीसवीं सदी के राष्ट्रवादी आंदोलन को 1857 के घटनाक्रम से क्या प्रेरणा मिल रही थी?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन की नींव इस तथ्य में थी कि तेजी से ब्रिटिश शासन भारत के आर्थिक पिछड़ेपन का प्रमुख कारण बन गया था। यह भारत के आगे के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक और राजनीतिक विकास में प्रमुख बाधा बन गया। इसके अलावा, इस तथ्य को भारतीयों की एक बड़ी संख्या से पहचाना जाने लगा।
1885 1905 के काल के भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में उदारवादी नेताओं का प्रभुत्व था उनके आंदोलन का मुख्य ढंग क्या था?
इसे सुनेंरोकेंउदारवादी नेता रूढिवादी थे और वे देश की शासन-व्यवस्था में कोई विशेष परिवर्तन नहीं करना चाहते थे। उनका मुख्य उद्देश्य परिषद्, नौकरी, स्थानीय संस्था,रक्षा-सेना आदि में सुधार करवाना था। वे क्रमिक सुधारों में विश्वास करते थे और क्रांतिकारी परिवर्तनों के विरोधी थे।