शाप देता हुआ मारता हुआ और कठोर वचन कहता हुआ भी ब्राह्मण पूजनीय है ऐसा कौन कहता हैं?
इसे सुनेंरोकेंभावार्थ : शाप देता हुआ, मारता हुआ और कठोर वचन कहता हुआ भी ब्राह्मण पूजनीय है, ऐसा संत कहते हैं। शील और गुण से हीन भी ब्राह्मण पूजनीय है। और गुण गणों से युक्त और ज्ञान में निपुण भी शूद्र पूजनीय नहीं है॥1॥ * कहि निज धर्म ताहि समुझावा।
अरण्यकांड में कितने दोहे हैं?
इसे सुनेंरोकेंअरण्यकाण्ड – राम का सीता लक्ष्मण सहित वन-गमन मारीचि-वध और सीता-हरण की कथा का वर्णन अरण्यकांड में हुआ है। इसमें ४६ दोहे हैं।
मुझे ऐसी कौन सी वस्तु प्रिय लगती है जिसे हे मुनिश्रेष्ठ तुम नहीं माँग सकते?
इसे सुनेंरोकेंभावार्थ : (श्री रामजी ने कहा-) हे मुनि! तुम मेरा स्वभाव जानते ही हो। क्या मैं अपने भक्तों से कभी कुछ छिपाव करता हूँ? मुझे ऐसी कौन सी वस्तु प्रिय लगती है, जिसे हे मुनिश्रेष्ठ!
कौन विज्ञान के धाम मुनियों के भी मनों को पलभर में क्षुब्ध कर देते हैं?
इसे सुनेंरोकेंभावार्थ : हे तात! काम, क्रोध और लोभ- ये तीन अत्यंत दुष्ट हैं। ये विज्ञान के धाम मुनियों के भी मनों को पलभर में क्षुब्ध कर देते हैं॥ 38 (क)॥
क्या ब्राह्मण पूजनीय है?
इसे सुनेंरोकेंसंस्कारों से “द्विज” संज्ञा होती है तथा विद्याध्ययन से “विप्र” नाम धारण करता है। जो वेद, मंत्र तथा पुराणों से शुद्ध होकर तीर्थ स्नानादि के कारण और भी पवित्र हो गया है, वह ब्राह्मण परम पूजनीय माना गया है।
अरण्यकांड का मतलब क्या है?
इसे सुनेंरोकेंअरण्यकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है। कुछ काल के पश्चात राम ने चित्रकूट से प्रयाण किया तथा वे अत्रि ऋषि के आश्रम पहुंचे। अत्रि ने राम की स्तुति की और उनकी पत्नी अनसूया ने सीता को पातिव्रत धर्म के मर्म समझाये।
रामचरितमानस में कौन सी चौपाई दो बार आई है?
इसे सुनेंरोकेंहे सखी! कहो तो, वो माता पिता कैसे होंगे जिन्होंने ऐसे बालकों को वन में भेज दिया। इस चौपाई दो बार बिना किसी परिवर्तन के अयोध्या कांड में आई है। और कोई अभी स्मरण में नहीं है।
माता शबरी में कितने प्रकार की भक्ति दृढ़ है?
इसे सुनेंरोकेंजाति, पाति, कुल, धर्म, बड़ाई, धन-बल, कुटुम्ब, गुण एवं चतुराई इन सबके होने पर भी भक्ति रहित मनुष्य जलहीन बादल-सा लगता है। उन्होंने शबरी को नवधा भक्ति का उपदेश किया। कहा- मेरी भक्ति नौ प्रकार की है -1.
अरण्य कांड में क्या हुआ?
इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण के जाने के बाद अकेली सीता का रावण ने छलपूर्वक हरण कर लिया और अपने साथ लंका ले गया। रास्ते में जटायु ने सीता को बचाने के लिये रावण से युद्ध किया और रावण ने उसके पंख काटकर उसे अधमरा कर दिया। सीता को न पा कर राम अत्यंत दुखी हुये और विलाप करने लगे।