भूख मीठी कि भोिि मीठा से क्या अमभप्राय है?

भूख मीठी कि भोिि मीठा से क्या अमभप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 3: ‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है? उत्तर : इस बात का आशय है जब मनुष्य भूखा होता है तो उस भूख के कारण उसे बासी रोटी भी मीठी लगती है। यदि मनुष्य को भूख न हो तो उसे कुछ भी स्वादिष्ट भोजन या खाने की वस्तु दे दी जाए तो वह उसमें नुक्स निकाल ही देता है।

आपके ववचार से माटी वाली किान में कौन स समस्या को िमारे सामने रखा गया िै वर्णन कीक्जए?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: माटी वाली किसी तरह से बस इतना ही कमा पाती है जिसमें उसके और उसके बूढ़े और लाचार पति का गुजारा हो सके। इसलिए वह हर संसाधन का समुचित इस्तेमाल करना जानती है। उसके पात इतने पैसे नहीं होते हैं कि घर में ठीक से भोजन भी पका सके। उसकी गरीबी उसे इस बात के लिए मजबूर करती है कि वह एक एक रोटी का हिसाब रखे।

माटी वाली कुछ रोटियाँ क्यों छुपा कर लाती थी?

इसे सुनेंरोकेंमाटी वाली जिस घर में माटी देने गई थी उस घर की मालकिन ने उसे दो रोटियाँ और कुछ बचा-खुचा साग लाने के लिए अंदर चली गई। इसी बीच माटी वाली ने इधर-उधर देखा और किसी को न देखकर अपने सिर पर रखा डिल्ला खोलकर उस कपड़े में एक रोटी जल्दी से रख लिया। यह बात मालकिन न जान सके, इसलिए वह मुँह चलाने का दिखावा करने लगी।

माटीवाली में कहाँ की समस्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: यह वाक्य टिहरी बाँध के समय में उजड़े हुए लोगों की व्यथा को माटी वाली के माध्यम से व्यक्त किया गया है कि गरीब आदमी का श्मशान नही उजड़ना चाहिए। गरीबों को रहने का स्थान ही बड़ी मुश्किल से मिलता है उसी स्थान पर वह जीते हैं व मर जाते हैं और वह भी डूब जाए तो उनके मरने व जीने का स्थान भी नहीं बचेगा।

माटी वाली का पति क्या करता था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: माटी वाली की वृद्धावस्था तथा गरीबी पर तरस खाकर घर की मालकिनें बची हुई एक-दों रोटियाँ, ताजा-बासी साग, तथा बची-खुची चाय दे दिया करती थीं, वह उनमें से एकाध रोटी अपने पेट के हवाले कर लेती थी तथा बाकी बची रोटियाँ कपड़े में बाँधकर रख लेती थी, ताकि वह इसे ले जाकर अपने वृद्ध, बीमार एवं अशक्त पति को खिला सके।

लेखक के अनुसार माटी वाली के बिना टिहरी शहर में क्या नहीं हो पाएगा?

इसे सुनेंरोकेंटिहरी शहर। Question 10. माटीवाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में सोचने का ज्यादा समय क्यों नहीं था। उसके पास गाडी पहुंचाने का इतना काम था कि वह अपने अच्छे या परे भाग्य के बारे में सोच ही नही पाती थी।

पाठ के अंत में माटीवाली के सामने कौन सी समस्या आ रही थी और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंमाटीवाली अभावग्रस्त जीवन जी रही थी। अपनी गरीबी के कारण वह अपने लिए व अपने पति के लिए अच्छा भोजन भी नहीं जुटा पाती थी। परन्तु उस दिन वह अपने पति के लिए केवल रोटियाँ ही नहीं ले जा रही थी बल्कि उसने अपनी आमदनी से उसके लिए प्याज भी खरीदा था। अब वह घर जाकर प्याज की सब्जी बनाकर उसके साथ अपने पति को खाना परोसेगी।