कात्यायनी देवी की पूजा कैसे करें?

कात्यायनी देवी की पूजा कैसे करें?

  1. सबसे पहले सुबह स्नान करें और मां कात्यायनी की पूजा के लिए पीले या लाल रंग के वस्त्र पहने. अब पूजा स्थान पर कात्यायनी देवी की प्रतिमा स्थापित करें.
  2. अब गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करिए. इसके बाद मां की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और पुष्प चढ़ाएं.
  3. माता के समक्ष पीले रंग के फूलों का साथ कच्ची हल्दी की गांठ भी चढ़ाएं.

छठे दिन कौन सी देवी की पूजा होती है?

इसे सुनेंरोकेंनवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. माना जाता है महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा. मां कात्यायनी देवी का रूप बहुत आकर्षक है, इनका शरीर सोने की तरह चमकीला है. मां कात्यायनी की चार भुजा हैं और इनकी सवारी सिंह है.

मां कात्यायनी का बीज मंत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमां कात्यायनी का बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:। विधि विधान से पूजा करने बाद लाल चंदन की माला से मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।

छठा नवरात्र कौन सी देवी का है?

इसे सुनेंरोकेंनवरात्र के छठे दिन कात्यायनी देवी की पूरे श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है. कात्यायनी देवी दुर्गा जी का छठा अवतार हैं. शास्त्रों के अनुसार देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया, इस कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ गया. मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गई हैं.

कात्यायनी माता को क्या पसंद है?

इसे सुनेंरोकेंइनकी पूजा में शहद का प्रयोग जरूर किया जाना चाहिए, क्योंकि मां को शहद बहुत पसंद है। शहद युक्त पान का भोग भी देवी कात्यायिनी को लगता है। देवी कात्यायनी की पूजा में लाल रंग के कपड़ों का भी बहुत महत्व है। माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यन्त दिव्य, चमकीला और प्रकाशमान है।

कात्यायनी मंत्र का जाप कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंपुष्प माता को अर्पित कर दें। लाल चंदन की माला से निम्न मंत्र का जाप करें- ”कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरि, नन्दगोपसुतं देवी पति मे कुरुते नमः।” जप के बाद हाथ में जल लेकर बोलें- ”माता, मैंने जो जप किया वह मैं आपको अर्पित करती हूँ”, ऐसा कह कर जल माता के सामने छोडें।

कालरात्रि कब है?

इसे सुनेंरोकेंआज यानी 8 अप्रैल 2022, शुक्रवार को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है।

कात्यायनी देवी का मंत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंया देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कात्यायनी मंत्र क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें”या देवी सर्वभूतेषु, कात्यायनी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।” पुष्प माता को अर्पित कर दें।

मां कात्यायनी की पूजा क्यों की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंमां कात्यायनी ने महिषासुर नाम के असुर का वध किया था. जिस कारण मां कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है. माना जाता है महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा.

कात्यायनी का जन्म कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंमहर्षि कात्यायन ने भगवती जगदम्बा की कई वर्षों तक कठिन तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर जगदम्बा ने कात्यायन ऋषि की इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लेकर महिषासुर का वध किया था।। कात्यायन ऋषि को विश्वामित्रवंशीय कहा गया है। स्कंदपुराण के नागर खंड में कात्यायन को याज्ञवल्क्य का पुत्र बतलाया गया है।