मानव जीवन में मेले का क्या महत्व है बताइए?

मानव जीवन में मेले का क्या महत्व है बताइए?

इसे सुनेंरोकेंमेले न केवल मनोरंजन के साधन हैं, अपितु ज्ञानवर्द्धन के साधन भी कहे जाते हैं। प्रत्येक मेले का इस देश की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परम्पराओं से जुड़ा होना इस बात का प्रमाण हैं कि ये मेले किस प्रकार जन मानस में एक अपूर्व उल्लास, उमंग तथा मनोरंजन करते हैं।

मेलों से क्या क्या लाभ है?

इसे सुनेंरोकेंएक ही मेले में तरह-तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं और विविध प्रकार की दुकाने एवं मनोरंजन के साधन हो सकते हैं। भारत तो मेलों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ कोस-दो-कोस पर जगह-जगह मेले लगते हैं जो अधिकांशत: धार्मिक होते हैं किन्तु कुछ पशु, व्यापार तथा कृषि मेले के साथ ही शहीदों को नमन के लिए भी मेले यहाँ लगते हैैं।

मेले पर निबंध कैसे लिखें?

इसे सुनेंरोकेंभारत मेलों का देश है यहां पर हर रोज कहीं ना कहीं मेला लगा ही रहता है. मुझे मेले में जाना बहुत अधिक पसंद है हमारे गांव में हर साल दशहरा के दिन मेला भरता है. मेला दशहरा के दिन सुबह लगता है और रात 10:00 बजे तक मेले में चहल पहल रहती है. दशहरा के दिन हमारे विद्यालय की छुट्टी होने के कारण हम पूरे दिन मेले में ही रहते है.

मेला क्यों लगाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंमान्यता के अनुसार देवताओं और दैत्यों के बीच यह युद्ध 12 दिनों तक चला देवताओं के 12 दिन धरती के 12 वर्षों के बराबर माने जाते हैं। इसी कारण हर 12 वर्ष बाद कुंभ का मेला लगता है, वही माना जाता है कि जिस प्रकार घड़ी में हर 12 घंटे बाद पुराना समय आता है उसी तरह हर 12 वर्ष बाद भी नदियों का जल अमृत लेकर आता है।

हमारी सांस्कृतिक विरासत को समझने में त्योहारों और मेलों का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंसभी धार्मिक त्यौहार हमें प्रेम,सहनशीलता और आपसी समझदारी का संदेश देते हैं। इन अवसरों पर हम भगवान के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं और त्यौहारों की प्रकृति के अनुरूप धूमधाम से खुशियां मनाते हैं।

मेले की क्या विशेषता है?

मेले में कौन कौन से सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपुष्कर मेले में देश – विदेश से हजारों पर्यटक हर साल आते हैं । मेले के कुछ खास आकर्षणों में यंहा होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं। पुष्कर मेला भारत का सबसे बड़ा पशु मेला है जो 9 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। यह भारत का एकमात्र ऐसा स्थान भी है जहां भगवान ब्रह्मा की मंदिर हैं ।

पुष्कर में किसका मेला लगता है?

इसे सुनेंरोकेंऊंट मेला राजस्थान के अजमेर जिले में आयोजित पुष्कर मेला कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) के महीने में। कई अन्य लोग इस राज्य में कुछ सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक प्रकार के मेले आयोजित करते हैं। राजस्थान में पुष्कर के प्रसिद्ध मेले का ऊँट मेला।