द्रोणाचार्य के पुत्र का नाम क्या है?
अश्वत्थामाद्रोणाचार्य / बच्चेमहाभारत युद्ध से पुर्व गुरु द्रोणाचार्य अनेक स्थानो में भ्रमण करते हुए हिमालय प्हुचे। वहाँ तमसा नदी के किनारे एक दिव्य गुफा में तपेश्वर नामक स्वय्मभू शिवलिंग है। यहाँ गुरु द्रोणाचार्य और उनकी पत्नी माता कृपि ने शिव की तपस्या की। इनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने इन्हे पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। विकिपीडिया
द्रोणाचार्य के पिता का नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंद्रोणाचार्य ऋषि भारद्वाज तथा घृतार्ची नामक अप्सरा के पुत्र तथा धर्नुविद्या में निपुण परशुराम के शिष्य थे। कुरू प्रदेश में पांडु के पुत्रों तथा धृतराष्ट्र पुत्रों के वे गुरु थे।
द्रोणाचार्य के पुत्र का क्या नाम था * 1 Point?
इसे सुनेंरोकेंगुरु द्रोणाचार्य के बेटे का नाम अश्वत्थामा था।
द्रोण ने गुरुदक्षिणा में राजकुमारों से क्या माँगा?
इसे सुनेंरोकेंकौरव व पांडव की शिक्षा पूरी होने पर गुरु द्रोणाचार्य ने कहा कि तुम पांचाल देश के राजा द्रुपद को बंदी बनाकर मेरे पास लाओ। राजा द्रुपद को बंदी बनाकर लाना ही मेरी गुरुदक्षिणा है।
गुरु द्रोणाचार्य कौन सी जाति के थे?
इसे सुनेंरोकेंइसलिए उन्हें भीष्म ने कौरवों और पांडवों की शिक्षा-दीक्षा के लिए नियुक्त किया था. उनकी ख्याति सुनकर निषादराज के पुत्र एकलव्य ने उनके पास जाकर प्रार्थना की कि वे उसे अपना शिष्य बना लें और धनुर्विद्या की शिक्षा दें. द्रोणाचार्य ने उसे याद दिलाया कि वह एक जंगल में रहने वाले बहेलिये का पुत्र है और निचली जाति का है.
द्रोणाचार्य की उत्पत्ति कैसे हुई?
इसे सुनेंरोकेंउसे देखकर उनके मन में काम वासना जाग उठी उन्हें अपने खुले नेत्रों से उस अप्सरा के साथ काम क्रियाएं करने की कल्पना करनी आरंभ कर दी। इसके कुछ समय बाद उनका वीर्य स्खलित होने लगा। तब उन्होंने उस वीर्य को द्रोण नामक यज्ञपात्र में रख दिया। उसी से द्रोणाचार्य का जन्म हुआ।
स्वदेशी तकनीक से बने पायलट रहित विमान का नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंबालेश्वर (भाषा): स्वदेशी तकनीक से निर्मित चालक रहित विमान ‘लक्ष्य’ का रविवार को चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज में सफल परीक्षण किया गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार ‘लक्ष्य’ ने परीक्षण रेंज में करीब एक बजकर 55 मिनट पर उड़ान भरी। ‘लक्ष्य’ को भारतीय वायु सेना में वर्ष 2000 में ही शामिल कर लिया गया था।