संदल गिरकर मास्टर क्या पढ़ाने आते थे?
इसे सुनेंरोकेंवह सुरीले गले के साथ छंद की बढ़िया चाल के साथ कविता पढ़ाते थे। उन्हें नयी-पुरानी मराठी एवं अंग्रेजी कविताएँ अच्छी तरह याद थीं। कविताओं से संबंधित अनेक छंदों की लय, गति और ताल पर उनकी अच्छी पकड़ थी। पढ़ाते समय पहले कविता गाकर सुनाते थे।
लेखक पढ़कर किसकी तरह कारोबारी बनना चाहता था *?
उत्तर: लेखक की इच्छा पढ़ाई जारी रखने की थी, परंतु उसका पिता उसे खेत का काम व पशु चराने का काम कराना चाहता था।…Free Resources.
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जूझ का लेखक एक जुझारू योद्धा की तरह संघर्ष करके जीवन को ऊँचा बनाता है आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?
इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष न करने से मानव-जीवन एकाकी एवं नीरस बन जाता है। इस संघर्षों से जूझकर व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुँच सकता है। लेखक स्वयं भी संघर्षशील था। वह अत्यंत कठिन परिस्थितियों में पड़ा था।
लेखक क्यों पढ़ना चाहता था?
इसे सुनेंरोकेंलेखक पढ़ना चाहता है परन्तु दादा से वह अपनी इच्छा कह नहीं सकता। अतः माँ से पढ़ने भेजने की बात करता है। माँ की असमर्थता देखकर दत्ताजी राव सरकार की सहायता का सुझाव देता है। माँ-बेटे दत्ताजी राव के सामने अपनी पढ़ने की इच्छा को निःशंक होकर व्यक्त करता है।
जूझ पाठ की मूल भाषा कौन सी है?
इसे सुनेंरोकें’जूझ’ मराठी के सुविख्यात कथाकार डॉ. आनंद यादव का बहुचर्चित एवं उल्लेखनीय आत्मकथात्मक उपन्यास है।
आनंदा के पिता कोल्हू जल्दी क्यों चलवाते थे?
इसे सुनेंरोकेंआनंद का पिता जल्दी कोख चलवा देता था। वह सोचता था कि यदि कोख जल्दी चलवा दिया जाए तो ईख की अच्छी कीमत मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। उनके कोख सै निकलने वाला गुड अच्छी गुणवत्ता का नहीं होता था, परंतु उस समय कोई भी कोख नहीं चलाता था। इसलिए उनके गुड की माँग अधिक रहती थी और वे अपनी ईख की अच्छी कीमत वसूल कर लेते थे।
लेखक जानवर चराने के अलावा खेत पर क्या कार्य करता था?
इसे सुनेंरोकेंलेखक पढ़ना चाहता था और उसके पिता उसे पढाने के बजाय उससे खेत का काम, पशु चराने का काम कराना चाहते थे। पिता ने अपनी इच्छा क्रो ध्यान में रखकर ही लेखक की पकाई छुड़वा दी श्री। इसी बात रने लेखक बहुत ही परेशान रहता था।
जूझ कहानी का कथानायक आनंदा खेतों में काम क्यों करता था?
इसे सुनेंरोकेंशिक्षा से ही वह जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है और वह सम्मान में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकता है। इसलिए वह उसका मन पाठशाला जाने के लिए तड़पता था। उसे खेती का काम इसलिए अच्छा नहीं लगता क्योंकि उसे विश्वास था यदि वह सारी उम्र भी खेती करे तो भी उसे उसके हाथ कुछ नहीं लगेगा।
जूझ कहानी के लेखक पढ़ना क्यों चाहते थे?
इसे सुनेंरोकेंउसकी पढ़ाई के प्रति रुचि कम हो गई । उसका मन निराशा और खीझ से भर गया। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहा।