मेथिल ऐमिन एवं अमोनिया दोनों में कौन अधिक क्षारीय है?`?
इसे सुनेंरोकेंमेथिल ऐमीन में मेथिल समूह के +I प्रभाव के कारण नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनतव बढ़ जाता है जिससे नाइट्रोजन द्वारा इस पर उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्म को प्रदान कर उप सहसंयोजक बंध बनाने की क्षमता भी बढ़ जाती है । इसी कारण मेथिल ऐमीन, अमोनिया से अधिक क्षारकीय होता है।
एल्काइन अमीन अमोनिया से प्रबल छार है क्यों?
इसे सुनेंरोकेंएल्केन एमीन, अमोनिया से प्रबल क्षारक है क्योंकि ऐल्केनेमीन में उपस्थित ऐल्किल समूह की इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी प्रकृति (+I प्रभाव) के कारण नाइट्रोजन के असहभाजित इलेक्ट्रॉन युग्म की प्रोटॉन से साझेदारी के लिए उपलब्धता यढ जाती है।
पानी का बंध कोण अमोनिया से छोटा क्यों होता है?
इसे सुनेंरोकेंH2O में ऑक्सीजन पर दो एकाकी युग्म की उपस्थिति होने के कारण आबन्ध युग्मो पर अधिक प्रतिकर्षण उत्पन्न होता है जिसके कारण ( एकाकी युग्म – आबन्ध युग्म प्रतिकर्षण H2O में NH3 की अपेक्षा अधिक है ) बंध कोण अधिक संकुचित हो जाता है । इसकी कारण से जल में आबन्ध कोण अमोनिया की अपेक्षा कम होता है ।
अमोनियम क्लोराइड से अमोनिया कैसे प्राप्त करें?
इसे सुनेंरोकें(i) अमोनिया से नाइट्रोजन-रक्त तप्त Cuo पर NH3 गैस प्रवाहित करने पर N2 प्राप्त होती है। (ii) अमोनियम क्लोराइड से नाइट्रोजन-अमोनियम क्लोराइड को सोडियम नाइट्राइट के साथ गर्म करने पर अमोनियम नाइट्राइट बनता है। जिसे गर्म करने पर N2 प्राप्त होती है।
एथिल एमीन की प्रकृति छारीय होती है क्यों?
इसे सुनेंरोकेंएथिल ऐमीन के एथिल समूह का +I प्रभाव अधिक होता है तथा इसमें एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म देकरि उपसहसंयोजी बंध बनाने की क्षमता अधिक होती है । अतः मेथिल ऐमीन से भी प्रबल क्षारीय है।
एथिल एमीन अमोनिया की अपेक्षा अधिक क्षारीय होती है क्यों?
इसे सुनेंरोकेंएथिल एमीन में एथिल समूह के + I प्रेरणिक प्रभाव के कारण नाइट्रोजन परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपलब्धता बढ़ जाती है और वे प्रोटॉन को अपेक्षाकृत और अधिक शीघ्रता से ग्रहण कर लेते हैं । इसलिय एथिल एमीन अमोनिया की अपेक्षा अधिक क्षारीय होता है।
H2o का बंध कोण कितना होता है?
इसे सुनेंरोकेंH-O-H पानी के अणु में बंधन कोण है 105∘ , को H-O बंधन दूरी 0.94Å , मूलेक्यूल के लिए द्विध्रुवीय क्षण है 1.85D ।