शिवरानी देवी ने प्रेमचंद पर कौन सी कृति का प्रणयन किया?
इसे सुनेंरोकेंपहली पत्नी से प्रेमचंद के संबंध मधुर नहीं थे लेकिन शिवरानी देवी सही मायनों में जीवनसंगिनी थीं। 1944 में शिवरानी देवी ने प्रेमचंद से जुड़ी अपनी यादों को “प्रेमचंद घर में” नामक किताब में सहेजा। पेश है उसी किताब का एक हिस्सा जिससे पता चलता है कि प्रेमचंद कई बार शिवरानी देवी के मनचाहे भावों पर भी कहानी लिख दिया करते थे।
मुंशी प्रेमचंद का नाम मुंशी क्यों पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंसरकारी कोप से बचने के लिए उर्दू अखबार “ज़माना” के संपादक मुंशी दया नारायण निगम ने नबाव राय के स्थान पर ‘प्रेमचंद’ उपनाम सुझाया। यह नाम उन्हें इतना पसंद आया कि ‘नबाव राय’ के स्थान पर वे ‘प्रेमचंद’ हो गए। हिन्दी पुस्तक एजेन्सी का एक प्रेस कलकत्ता में था, जिसका नाम ‘वणिक प्रेस’ था। इसके मुद्रक थे ‘महाबीर प्रसाद पोद्दार’।
मुंशी प्रेमचंद का नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
हामिद कितनी रकम अपने साथ ले गया?
इसे सुनेंरोकेंमोहसिन के पास एक, दो, तीन, आठ, नौ, पंद्रह पैसे हैं। इन्हीं अनगिनती पैसों में अनगिनती चीजें लायेंगें— खिलौने, मिठाइयाँ, बिगुल, गेंद और जाने क्या-क्या। और सबसे ज्यादा प्रसन्न है हामिद। वह चार-पाँच साल का गरीब- सूरत, दुबला-पतला लड़का, जिसका बाप गत वर्ष हैजे की भेंट हो गया और माँ न जाने क्यों पीली होती-होती एक दिन मर गयी।
शिवरानी देवी के साहस कहानी कौन सी पत्रिका में छपी थी?
इसे सुनेंरोकेंडॉ पाण्डेय ने बताया कि शिवरानी देवी की पहली कहानी 1924 में ‘चाँद’ पत्रिका में छपी थी जिसका शीर्षक ही ‘साहस’ था।
शिवरानी देवी का प्रेमचंद जी से विवाह कब?
इसे सुनेंरोकेंशिवरानी जी का जन्म 1889 में हुआ था लेकिन उनके जन्म की तारीख का आज तक पता नहीं चल पाया है। वह बाल विधवा थी और पढ़ी-लिखी नहीं थी लेकिन 19०5 में प्रेमचन्द से विवाह होने के बाद प्रेमचन्द ने उन्हें पढ़ाया-लिखाया । वह भी कहानियां लिखने लगी तथा उन्होंने अपने जीवन काल मे 46 कहानियां लिखी ।
हामिद का अमीना के साथ क्या सम्बन्ध था?
इसे सुनेंरोकेंबच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था. बूढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गईं. वह रोने लगी. दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी.
हामिद के सभी साथियों ने उनका लोहा क्यों स्वीकार किया?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: हामिद ने ईद के मेले से तीन पैसों में लोहे का चिमटा खरीदा, क्योंकि उसकी दादी के पास चिमटा नहीं था। जब वे तवे पर से रोटियाँ उतारतीं तो उनके हाथ की उँगलियाँ जल जाती थीं, इसलिए हामिद ने दादी के लिए चिमटा खरीदा।
शिवरानी देवी का प्रेमचन्द जी से विवाह कब हुआ?
प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी ने उनकी जीवनी लिखी थी उस जीवनी का नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंशिवरानी देवी, प्रेमचंद के साथ रहते हुए उनके जीवन की तमाम छोटी-बड़ी घटनाओं की साक्षी रही हैं. पत्नी द्वारा लिखी गई प्रेमचंद की जीवनी ‘प्रेमचंद घर में’ (Premchand ki Jivani) का पहली बार प्रकाशन हुआ सन् 1944 में. हिंदुस्तानी पब्लिशिंग हाउस ने सन् 1952 में इसका द्वितीय संस्करण प्रकाशित किया.