आद्रा नक्षत्र का मतलब क्या होता है?

आद्रा नक्षत्र का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंनक्षत्रों के क्रम में छठा नक्षत्र होता है आर्द्रा। इस नक्षत्र का स्वामी राहु है और मिथुन राशि के अन्तर्गत आने के कारण इस पर बुध का प्रभाव भी रहता है। जिन लोगों का जन्म इस नक्षत्र में होता है वह बड़े ही चतुर-चालाक होते हैं। कूटनीति एवं राजनीतिक विषयों में इनकी बुद्घि खूब चलती है।

आद्रा नक्षत्र कब चढ़ता है?

इसे सुनेंरोकेंजून माह के तीसरे सप्ताह में प्रात:काल में आर्द्रा नक्षत्र का उदय होता है। फरवरी माह में रात्रि 9 बजे से 11 बजे के बीच यह नक्षत्र शिरोबिंदु पर होता है। निरायन सूर्य 21 जून को आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है।

आद्रा नक्षत्र में क्या खाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजब सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो संपूर्ण उत्तरी भारत के राज्यों में खीर और आम खाने की परंपरा है।

आद्रा नक्षत्र 2021 कब तक है?

इसे सुनेंरोकेंआषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन भगवान सूर्य 21 जून को रात 11.27 बजे वृद्धि योग,मिथुन राशि में स्थित चंद्र के समय आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। आद्रा नक्षत्र में भगवान सूर्य का भ्रमण 5 जुलाई तक रहेगा।

अदरा कब से कब तक है?

इसे सुनेंरोकें22 जून को आर्द्रा का प्रवेश मिथुन लग्न और राहु, बुध, सूर्य, चंद्र के चतुर्थ ग्रही योग में होगा. आर्द्रा से हस्त नक्षत्र तक बारिश होने की संभावना हे. वर्षा का अंतिम और आठवां नक्षत्र 11 अक्टूबर तक चलेगा. आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य हर साल 21 जून के आसपास प्रवेश करते हैं.

मिथुन राशि का नक्षत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमिथुन राश‍ि के सत्ताइस नक्षत्रों के 108 चरणों में कुल नौ चरण मृगश‍िरा से पुनर्वसु तक जिसमें क‍ि मृगश‍िरा नक्षत्र के दो चरण जिसके वर्ण अक्षर हैं। मृगश‍िरा 3 का, 4 की, आर्द्रा 1 कु, 2 घ, 3 ङ, 4 छ, पुनर्वसु 1 के, 2 को, 3 हा कुल मिलाकर ये नौ चरण मिथुन राशि के हैं।

हथिया नक्षत्र कब से कब तक रहेगा?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल 27 सितंबर से हथिया नक्षत्र (Hathiya Nakshatra) लग चुका है। आपको बता दें कि इस नक्षत्र में होने वाली बारिश का बेहद खास महत्व होता है। कहा जाता है कि इस बारिश के बाद से मौसम में अचानक परिवर्तन शुरू होने लगता है और हल्के जाड़े की शुरुआत हो जाती है, इसी के साथ ही गरमी की विदाई भी हो जाती है।